Saturday, January 5, 2019

गले में दर्द या संक्रमण







सर्दियों के षुरू होते ही हमें बिमारियों का सामना करना पड़ता है। सर्दियों में सबसे ज्यादा झेलना पड़ता है बिमारियों को। क्योंकि जैसे ही मौसम में बदलाव आता है। वैसे ही हमारे दिनचर्या पर पूरा असर पड़ता है। अब पहले से ज्यादा प्रदूषण देखने को मिलता है। प्रदूषण के कारण ही हमें गले की परेषानियों को झेलना पड़ता है। जिसमें गले में दर्द और खराष आम बात है। लेकिन कभी कभी ये छोटी सी बीमारी बड़ा रूप ले लेती है। गले में दर्द फेरिजाइटिस का प्राथमिक लक्षण होाता हैं जिससे गले में सूजन और जलन होने लगती है। गले में दर्द का सबसे आम कारण वायरल संक्रमण होता है जैसे सर्दी या फलू। 
गले में दर्द के लक्षण
-गले में दर्द के या खुजली व खराष जैसी सनसनी
-निगलने में परेषानी साथ ही बोलते समय दर्द होना
-गला बार बार सूखना
-गर्दन व जबड़े की ग्रंथियो  में सूजन व दर्द
-टाॅन्सिल में सफेद निषान बनना या पीप बनना
-बुखार होना
-नाक बहना और बार बार छींके आना
 गले में दर्द के कारक
-बच्चों और किषोरो में गले कर दर्द विकसित होने  की सबसे अधिक संभावना होती है। 
-ध्रूमपान करना या ध्रूमपान करने वाली किसी दूसरे व्यक्ति के संपर्क में आना भी गले के लिए समस्याएं पैदा कर सकता है।
-यदि आपको मौसम एलर्जी है या धूल,फफंूदी आदि से एलर्जी है तो सामान्य लोगों की तुलना में आपको गले के दर्द होने की ज्यादा संभावनाएं है। 
-वायरल और बैक्टीरियल संक्रमण आसानी से ऐसी जगह में फैल सकते है जहां बहुत लोग इकट्ठा होते है जैसे बाल देखभाल केंद्र,स्कूल या आॅफिस आदि।
-यदि आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम है तो सामान्य रूप से आप संक्रमण के लिए अधिक संवेदनषील है। 
गले में दर्द से बचाव
-उच्च प्रदूषण के दिनों में जितना संभव हो सके घर पर रहने की कोषिष करें। 
-यदि आप उच्च वायु प्रदूषण वाले ष्षहर मे रहते है तो खुद को बचाकर रखने के लिए बाहर जाते समय मुुह पर एक मास्क का प्रयोग करें। 
-अगर बाहर की हवा षुष्क है तो अपने घर में नम वातावरण रखने क कोषिष करे। 
परीक्षण
डाॅक्टर आपके लक्षणांे को देखते हैै और एक टाॅर्च का लाइट की मदद से गले के पिछले हिस्से में लाली,सूजन या सफेद निषान आदि की जांच कर सकते है। अगर आपकी गं्रथियों में सूजन है,तो डाॅक्टर गद्रन में अंदर दोनो तरफ देखकर इसका पता लगा सकते है। 

उपचार 
गले में दर्द वैसे वायरल संक्रमण के कारण होता है। 5 या 7 दिनों में ये खत्म हो जाता है। जिसको ठीक होने के लिए किसी मेडिकल उपचार की जरूरत नहीं पड़ती। 
-बैक्टीरिय संक्रमण के कारण गले में दर्द होने पर एंटीबायोटिक्स दवाओं का कोर्स करवाया जाता है। डाॅक्टर के सुझाव के अनुसार एंटीबायोटिक्स का कोर्स पूरा करना चाहिए,भले ही उसके लक्षण पूरी तरह से गायब हो जाएं। निर्देषानुसार दवाएं नहीं लेने मे हालत और भी बदतर हो सकती है । 
दवाइयों के साथ आप इन्हे भी ले सकते है।
कुछ स्प्रे मार्केट मे ंउपलब्ध है जो गले के दर्द से राहत दिलाने के लिए बनाए गए हैं
-विक्स या स्ट्ेपसिल्स भी आप ले सकते है क्योकि इनको मुंद चुसते रहने से राहत मिलती है। 
-रात को सोने में दिक्कत हो रही है तो कफ सिरप लेकर सो सकते है।
दूर रहे इन चीजो से
जो पदार्थ आपके गले में जाकर आपको तकलीफ देते है उनसे दूर रहे जैसे कुछ ऐसे खादय पदार्थ जैसे बिस्किट,कुरकुरे,सूखे टोस्ट,कच्ची सब्जियां आदि को खाने से बचे।
-खटटे फलो का रस आपके गले को नुकसान पहुंचा सकता हैं खटटे फलों मे अम्लीय होता है।
-मसालेदार और तले हुए खादय पदार्थो को अपने आहार मे ष्षामिल करने से बचे। ंइनेम नमक और तेल होने की वजह से गले के लिए नुकासानदेह है।

घरेलू उपाए
 -अगर आपके गले में दर्द है, तो आप पानी को गुनगुना करके उसमें थोड़ा नमक मिला लें और गरारे करें। इससे आपके गले में आपको तुरंत राहत मिलेगी। गुनगुने पानी से गले में आई सूजन या खराश को राहत मिलती है।
-गला खराब होने पर कई डॉक्टर्स भी स्टीम यानी भाप लेने की सलाह देते हैं। भाप लेने से गले में यदि सूजन आई है या खराश की वजह से गला सूख गया है तो यह तरीका राहत देता है।
-आप जितने तरल पदार्थों का सेवन करेंगे आपके गले को उतना सूकून मिलेगा। इसलिए जरूरी है कि आप तरल पदार्थों का सेवन करें और शरीर को आराम भी दें।
-हल्दी एक ऐसी औषधि है जो हर घर में पाई जाती है। आधा चम्मच हल्दी और आधा चम्मच नमक एक कप गुनगुने पानी में मिलाकर गरारे करें। ऐसा करने से गले में आई सूजन का दर्द कम हो जाता है।

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