Thursday, January 18, 2018

दौड़कर घटाएं अपना वजन


आजकल वेट लाॅस करने की तो जैसे होड़ लगी हुई है महिलाओं और युवतियों अपनी ड्ेस में फिट होने के लिए हर वह प्रयत्न करने के लिए तैयार है जिससे वेट कम हो सके। लेकिन ध्यान रखें कि डाइट के साथ वर्कआउट करना बेहद अवष्यक होता है। आज बहुत से ऐसे वर्कआउट है जिनके जरिए हम वेट लाॅस कर सकते है। इनमें से दौड़ना बेहद फायदेमंद और असरदार एक्सरसाइज है इसके जरिए बहुत ही जल्द अपना वेट लाॅस कर सकते है आईए जानिए-
दौड़ने का सही तरीका
वैसे तो दौड़ना हम सभी को आता है लेकिन जरूरी है उसकी सही जानकारी होना कि किस तरह से दौड़ा जाए कि हमारा वेट लाॅस हो। आज कल लोग रोज सबुह पार्क और जिम में अपना वजन घटाने के लिये खूब दौड़ते हैं, लेकिन क्या आपको पता है कि किस प्रकार से दौड़ना हमारे लिये सेहतमंद होता है? बहुत से लोग बहुत ज्यादा दौड़ने के बावजूद भी अपना वजन कम नहीं कर पाते। अगर आप भी पहली बार दौड़ रही हैं, तो आपके लिये कुछ बातों को जानना बहुत जरुरी है। आइये जानते हैं इसके बारे में।
सिर की पोजिषन
आपके सिर के पोजिशन पर आपका पूरा पॉश्चर निर्भर करता है और इसी पर यह निर्भर करता है कि आप कितनी क्षमता से दौड़ रहे हैं। दौड़ते वक्त सिर सीधा रखते हुए सामने देखना चाहिए। नीचे अपने पैर की तरफ या कहीं और देखने से पूरे शरीर का पॉश्चर गड़बड़ हो जाता है और इसका सीधा असर आपके दौड़ने पर पड़ता है। गर्दन और पीठ तनी हुई और एक सीध में होनी चाहिए।
थोड़ा वार्मअप हो जाए
कोई भी वर्कआउट करते समय ध्यान रखें थोड़ा वार्मअप कर लें जिससे कि दौड़ते वक्त आपके पैरों में मोंच ना आए या फिर मासपेशियों में चोट ना लगे। कैसे करें शरुआत सबसे पहले हल्की हल्की जॉगिंग करें या फिर धीरे धीरे चलना शुरु करें! इससे आप लंबे समय तक दौड़ सकेगें। पहले दो से तीन मिनट तक दौडे उसके बाद धीरे धीरे अपना समय और बढाएं।
दौड़ते वक्त ध्यान रखे
अगर आप ट्रेडमिल पर दौड़ती हैं तो उसकी सबसे अच्छी बात यह होती है कि उसमें आप अपनी इच्छा अनुसार स्पीड को बढाया या घटाया जा सकता है। नए लोगों को अपनी स्पीड धीमी रखनी चाहिये और फिर धीरे धीरे अपनी स्पीड बढानी चाहिये।
पैरो और उंगलियों पर ध्यान दें
दौड़ते वक्त अपने फॉर्म या पोस्चर पर ध्यान दें हर कोई अलग अलग मुद्रा में दौड़ता है। कोई अपनी एडियों का प्रयोग करता है तो कोई पैरों की उंगलियों पर। अगर आप एडियों पर जोर दे कर दौड़ेगें तो आपके घुटनों पर इसका बुरा असर पडेगा और अगर आप पैरों की उंगलियों पर जोर दे कर दौड़ते हैं तो, इससे आपकी काल्फ मासपेशियों पर जोर पड़ता है जिससे पैरों में दर्द हो जाता है। दौड़ते वक्त अपने पैरों की उंगलियों को सीधा रखें और उसे ना ही अंदर की ओर मोड़ कर दौडे और ना ही ज्यादा बाहार की ओर निकाल कर।
घुटनोें का ख्याल रख्ेां
अपने घुटनों का ख्याल रखें अगर आपके घुटने मजबूत रहेगें तो आप ठीक से दौड़ पाएंगें। मजबूत घुटनों के लिये आपको वॉल स्क्वैट वाली एक्सरसाइज करनी चाहिये।
सही जगह
अगर आप बाहर दौड़ने जा रही हैं, तो सही जमीन और सतह का होना बहुत जरुरी है। एक खराब और ऊबड़ खाबड़ सतह आपके घुटनों और पैरों के लिये नुकसानदेह साबित हो सकता है।

Monday, January 15, 2018

खुबसूरत कारपेटस से घर को सजाएं




घर के इंटीरियर में कारपेटस काफी अट्रैक्टिव लुक देते है। और वैसे भी सर्दियों में तो ये सर्दी लगने से बचाते है और इनकी डिमांड काफी बढ़ जाती है। आप काॅरपेटस से यदि इंटीरियर में कुछ बदलाव चाहती है साथ ही वही बोरिंग सा सालों से बिछा कारपेट को बदलना चाहती है तो आज मार्केट में ढेरों वैरायिटियां है कारपेट की। जो आपके घर को एक स्टाइलिश और डिसेंट लुक देगा। यहां हम आपको कुछ कारपेटस की जानकारी दे रहे है जिनसे आप अपने घर को एक अलग लुक दे सकेंगी-

वूलन कारपेट
सर्दियों में वूलन कारपेट को काफी पसंद किया जाता हैै। क्योंकि इनसे गर्माहाट बनी रहती है। साथ ही काफी अट्ेक्टिव लगते है। ये कालीन प्योर वूल के होते है। यदि आप ट्डिशनल कालीन लेना चाहती है तो ये फूलों वाले और बेहद भारी होते है। लेकिन यदि आप लाइट वेट में वूलन कालीन चाहती है तो वे भी मार्केट में उपलब्ध है। इनकी खासियत है कि एक बार मन भरने के बाद आप इसे डाई करके दोबारा इस्तेमाल में ला सकती है।


सिंथेटिक कारपेट
यदि आप कुछ अलग कारपेटस चाहती है तो सिंथेटिक कारपेट ले आएं। ये आपके स्टेटस पर काफी असर डालेंगे। और इनकी काफी वैरायिटी मार्केट में उपलब्ध है। साथ ही ये आसानी से घर में धूल जाते है। लुक वाइज तो ये काफी सुंदर होते है साथ ही इनके पैटर्नस इतने अधिक अट्रैक्टिव है जो देखते ही बनते है।

सिल्क कारपेट
कारपेटस में सिल्क कारपेट काफी लाइट होते है। इनमे जिआॅमेट्किल डिजाइन काफी इन है। ये कलरफुल होने के साथ काफी डिजाइन्स में आपको मिल जाएंगे। आप अपने रूमस के अकोर्डिंग इन्हे अरेन्ज करे। साथ ही ये बेड की साइड में या सोफे के सेंटर में यूज होते है।

लेदर कारपेट
लेदर कारपेट काफी ट्ेन्ड में है। ये कलरफुल होने के साथ आपकी रेंज के अकोर्डिंग आपको मिल जाएंगे। ये मशीन से बनाए जाते है। साथ ही इनमे ंसिंथेटिक मटीरियल का प्रयोग किया जाता है। ये दिखने में बेहद अट्रैक्टिव लगते है।

कार्टून प्रिंट कारपेट
बच्चों के रूम को अधिक अट्रैक्टिव बनाने के लिए आजकल कार्टूनस का काफी यूज किया जाता है। कारपेटस में भी कार्टूनस का काफी यूज किया जा रहा है। फर्नीचर और कर्टेन से मैच करके इन कारपेटस का यूज किया जाता है।

अन्य कारपेट
कारपेटस में और भी वैरायिटियां हैं कारपेट में कोरिन्थिया बाथ रग,मिलेफेलयर मैट,मून गेज,फलग बाॅर्डर,माउस रग और सेवीलेड प्लेड कारपेटस भी मार्केट में उपलब्ध है। कोरिन्थिया बाथ रग का डिजाइन डायमंड पैटर्न पर आधारित होता है। ये धोने में तो आसान होते है,डिजाइन भी खूब आकर्षित करते है। मिलफलोर मैट का डिजाइन पूरी तरह बाॅटेनिकल थीम पर आधारित होता है। यह कालीन पूरी तरह काॅटन से बना होता है। यह तमाम कलर्स और शेप में मिल जाता है। यह इतना पतला होता है कि इसे दीवार,टेबल व दीवार पर पेेंटिग के तौर पर भी यूज किया जा सकता है। मून गेज कालीनों में ज्यादातर दो कलर यूज किए जाते है रेड और प्लम। इसके अलावा हाथ से बने हुए सिल्क वूल के काॅर्पेट,वूलन दारीज,काॅटन फलोर कवरिंगस भी काफी पसंद किए जाते है।

कारपेट की शोपिंग करते समय
-कारपेट का रंग आपके फर्नीचर या दीवारों के रंग से मेल खाता हो।
-कमरे के आकार व उपयोग के हिसाब से कारपेट का चयन करे। यदि कारपेट बच्चों के कमरे के लिए चुनना है तो उसका रंग थोड़ा गहरा हो ताकि वह जल्दी गंदा न हो।
-चैड़ी बॉर्डर वाले कारपेट का चयन करें क्योंकि वो कमरे में बिछाने के बाद खूबसूरत लगते हैं।
-कारपेट खरीदते समय उसमें मौजूद फाइबर की मात्रा पर अवश्य ध्यान दें।
-मेहरून, नेवी ब्लू, स्कीन आदि रंगों के कारपेट फर्श पर बिछाने के बाद सुंदर लगते हैं।
-कारपेट का टिकाऊपन जाँचने के लिए उसे गोल फोल्ड करके खोलें। यदि उसमें सिलवटे पड़ती हैं तो वह कारपेट अच्छा नहीं है।
- कारपेट ऐसी चीज है, जिसका उपयोग लंबे समय तक होता है। अत कारपेट के दाम से अधिक उसके टिकाऊपन पर ध्यान दें।
-कीमत व टिकाउपन के बारे में फैसला लेने से पहले दूसरे दुकानों में भी कीमत का जायजा लें। चूंकि कारपेट के मटेरियल में आसानी से अन्तर कर पाना मुश्किल होता है इसलिए आर्टिफिशियल और असल चीजों की पहचान के बारे में जानकारी पहले ही इकट्ठा कर लें।
-कारपेट के धागे के ऐंठन पर गौर करें। ये जितना ज्यादा कसा हुआ होगा रोएं निकलने की संभावना उतनी ही कम होगी। एक धागे में जितनी ज्यादा ऐंठन होगी रोंआ उतना घना होगा और ऐसे में पैर के निशान कम दिखेंगे।

कारपेटस की साफ सफाई
-कालीन को ज्यादा समय तक चलाने के लिए छह महीने में एक बार ड्ाईक्लीन जरूर कराएं।
-अगर आप ड्ाईक्लीनर के यहां कारपेट नहीं देना चाहती तो उन्हें घर पर बुलवाकर कालीन साफ करवा सकती है।
-अगर कालीन बड़ा है तो ड्ाईक्लिनिंग ही एकमात्र उपाय है। यदि घर में धोया जा सकता है तो वाशिंग मशीन में या किसी की मदद से साॅफट डिटर्जेंट से इसे धो सकती है।
-कारपेट को झाडू से साफ नहीं करें। इससे रोएं खराब हो जाते है। कारपेट ब्रश से ही साफ करें।
-महीने में एक बार कालीन बाहर निकाल कर झड़वा लें और धूप जरूर लगाएं।
-कालीन को लंबे समय तक चलाने एंव धूल मिटटी से बचाने के लिए कालीन पर ट्रांसपेरेंट
प्लास्टिक शीट बिछा सकती है।
-कारपेट पर खाने पीने की चीजे न गिरे। यदि कोई गीली चीज गिरती है तो उस हिस्से को सूखे कपड़े से धोकर और रीठा के पानी से साफ कर फौरन धूप मे रखें। इससे कालीन में कीड़ा नहीं लगेगा।

Friday, January 12, 2018

स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद है- विटामिन ई (एवियन कैप्सूल)

सेहतमंद शरीर के लिए विटामिन्स की जरूरत होती है. विटामिन ई भी एक काफी सहरें अद्वितीय गुणों से भरपूर है. विटामिन E जहाँ एक और एंटीऑक्सीडेंट के रूप में हमारी शरीर की कोशिकाओं की रक्षा करता है, वहीं दूसरी और यह ऊर्जा का बहुत अच्छा स्त्रोत है। विटामिन ई हमारे शरीर की रोग प्रति रोधक क्षमता को बनाए रखने और हमें अनेकों रोगों से बचाने में मददगार है।इसकी कमी से शरीर में कई और दुष्प्रभाव देखने को मिलते हैं. गर्भवती महिलाओं की खुराक में विटामिन ई की कमी से बच्चों में मानसिक कौशल संबंधी विकार व उपापचय में समस्या की संभावनाएं पैदा हो सकती हैं. विटामिन ई झुर्रियों को रोकने में विटामिन ई लाभकारी है. विटामिन ई यौगिकों के एक समूह का प्रतिनिधि है जिसमें टोकोट्रॉयनॉल और टोकोफेरॉल दोनों निहित हैं। यह खून में लाल रक्त कोशिका (Red Blood Cell) को बनाने के काम आता है। शरीर के अनेक अंगों को सामान्य रूप में बनाये रखने में मदद करता है जैसे कि मांसपेशियां व कोशिकाएँ। यह शरीर को ऑक्सीजन के नुकसानदायक रूप से बचाता है, जिसे ऑक्सीजन रेडिकल्स (oxygen radicals) कहते हैं। इस गुण को एंटीओक्सिडेंट (anti-oxidants) भी कहते है।


विटामिन की कमी कैसे होती है
कई लोग एक लंबे समय तक कम वसा वाला खाना खाते हैं, जिस कारण उन्हें विटामिन की कमी हो जाती है। इस तरह की डाइट से अन् विटामिन की कमी भी हो सकती है। इसके अलावा अगर आपको एक तरह के खाने से विटामिन की कमी नहीं है, तो इसके पीछे कई तरह की बीमारियां जैसे क्रोह्न (Crohn) या गैलब्लेडर डिसऑर्डर (gallbladder disorders) भी हो सकती हैं।

विटामिन  कमी के लक्षण

1) मांसपेशियों में कमजोरी
इसकी कमी के सबसे बड़े लक्षणों में मायोपैथी और मांसपेशियों में कमजोरी है। विशेषज्ञों के अनुसार मायोपैथी मसल्स फाइबर का परिणाम है, जो समय के साथ कमजोर हो जाते हैं। शरीर में विटामिन और सेलेनियम की कमी से मायोपैथी का मामला गंभीर हो सकता है और इससे लिपिड पेरॉक्सीडेशन भी हो सकता है।

2) नजर कमज़ोर हो जाती है
विटामिन की कमी से आंखों का रेटिना और उसका डिजेनरेशन पतला हो सकता है। डिजेनरेशन से आंखों की अंदर परत प्रभावित होती है। इसके अलावा विटामिन की कमी से आपको धुंधला दिखेगा और रात के समय ठीक से नहीं दिखेगा।

3) खून की कमी
खून में लाल रक्त कोशिकाओं की कमी के चलते खून की कमी हो जाती है। रेड ब्लड सेल के जरिए हीमोग्लोबिन की मदद से शरीर में अन्य क्षेत्रों के लिए ऑक्सीजन परिवहन में मदद मिलती है। हेमोलिटिक एनीमिया में लाल रक्त कोशिकाएं आसामान्य रूप से कम हो जाती हैं, जिससे विटामिन की कमी हो सकती है। विटामिन की कमी से जन्म के समय बच्चे का वजन कम हो सकता है। विटामिन की कमी को पूरा करने के लिए उन्हें टोकोफेरोल ट्रीटमेंट दिया जा सकता है।

4) तंत्रिका संबंधी परेशानी
विटामिन की कमी से सेंट्रल नर्वस सिस्टम की प्रक्रिया बाधित हो सकती है। इसकी कमी से आपके हाथ और पैर का विकार बिगड़ सकता है, आप बीमार महसूस करेंगे और आप संतुलन खो सकते हैं। विटामिन में एंटीऑक्सीडेंट गुण हैं, जो ऑक्सिडेटिव तनाव के कारण शरीर को प्रभावित होने से रोकते हैं।



विटामिन  से होने वाले लाभ
 विटामिन त्वचा के लिए बहुत ही फायदेमंद माना गया है, यह त्वचा से मृत कोशिकाओ और काले धब्बो को निकालने का काम करता है| इसके साथ ही यह स्किन को मुलायम और गोरा भी बनाता है। 
मानसिक तनाव से राहत
शरीर में विटामिन की पर्याप् मात्रा होने पर व्यक्ति को मानसिक समस्याएं कम होती है, और तनाव से भी राहत मिलती है| दरहसल कुछ शोधो में यह बात सामने आई है की विटामिन की कमी से मानसिक समस्याएं भी हो सकती है। 

 कैंसर से बचाव
विटामिन कैंसर जैसी खतरनाक बीमारियो से लड़ने में भी मददगार होता है| कैंसर से बचाव के लिए वीट, ग्रेन्स, नट्स और बीन्स का सेवन लाभदायक माना गया है| इन आहारो में मौजूद विटामिन आपको ह्रदय रोग और कैंसर जैसी बीमारी से बचाने मे मदद करते है

लाल रक्त का निर्माण
विटामिन रेड ब्लड सेल्स यानि लाल रक्त की कोशिकाओ का निर्माण करती है, यदि गर्भवती महिलाये विटामिन का सेवन ना करे, तो इससे उनके बच्चे को एनीमिया होने का खतरा रहता है

-विटामिन से होने वाले अन्य लाभ
विटामिन एलर्जी को रोकने में मदद करता है।
इससे इम्यून सिस्टम मजबूत होता है।
विटामिन शारारिक क्षमता को बढ़ता है।
विटामिन त्वचा की परेशानिया के लिए भी लाभकारी होता है।
विटामिन हाई ब्लड प्रेशर को बढ़ने से भी रोकता है।

विटामिन   कैप्सूल (एवियन कैप्सूल)
शुद्ध विटामिन ई  कैप्सूल बहुत काम का होता है। विटामिन ई कैप्सूल हीलिंग में मदद करता है और साथ ही त्वचा, नाखूनों और सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है। विटामिन ई एंटी ऑक्सीडेंट होता है जो उम्र के बढ़ने के असर को कम करता है। इसे रोजमर्रा के आहार में जरूर शामिल करना चाहिये। विटामिन ई  कैप्सूल आसानी से बाजार में मिल जाता है। आप इसे तरल अथवा कैप्सूल के रूप में उपयोग कर सकते हैं। 

-दाग-धब्बों को करे दूर विटामिन का एक कैप्सूल लें और सूई की मदद से इसमें एक छेद कर लें। अब इसके अंदर का सारा ऑयल निकाल लें और अपने प्रॉब्लम एरिया पर लगाएं। ये एक सीरम की तरह काम करेगा और चेहरे के डार्क स्पॉट्स और दाग-धब्बे को कम करेगा. बेहतर रिजल्ट के लिए इसे रातभर ऐसे ही लगाकर छोड़ दें। -. विटामिन- रुखी त्वचा ठीक करें त्वचा को प्राकृतिक नमी प्रदान करने के लिए विटामिन- बेहद फायदेमंद है। इसके अलावा यह त्वचा में कोशिकाओं के नवनिर्माण में भी सहायक है। इसके लिए 1/4 कप शिया बटर में 2 चम्मच विटामिन तेल,
- 2 चम्मच एलोवेरा जेल और गुलाब के तेल की 12 बूंदें मिलाएं। अब इस लोशन को दिन में दो बार लगाएं।
-विटामिन से ठीक करें स्ट्रेच मार्क्स स्ट्रेच मार्क्स से छुटकारा पाने के लिए 12 विटामिन कैप्सूल्स का ऑयल और 1/2 कप कोकोआ बटर और 15 लोबान के तेल को मिलाकर मिक्सचर तैयार करें। इस मिक्सचर को अपने प्रॉब्लम एरिया पर लगाएं और बस स्ट्रेच मार्क्स को दूर हो जाएंगे। 5
. सोरायसिस और एक्जिमा के लिए विटामिन कैप्सूल सोरायसिस और एक्जिमा जैसी गंभीर त्वचा की समस्याओं का भी विटामिन के उपयोग से ठीक किया जा सकता है। बस आपको उस जगह पर विटामिन तेल का तेल लगाने की जरुरत है।
-झुर्रियों से दिलाए छुटकारा जैसा कि आखों के पास की स्किन काफी पतली और डेलिकेट होती इसलिए वहां एजिंग की निशानियां सबसे पहले देखने को मिलती है, इसलिए हर आइ-क्रीम में विटामिन मौजूद होती है। ये झुर्रियों से छुटकारा दिलाने में असरदार होती है। आप चाहे तो विटामिन का सीधे तौर पर भी इस्तेमाल कर सकती हैं। इसके लिए कटोरी में एक विटामिन कैप्सूल के अंदर का ऑयल निकाल लें और इसमें जैतून के तेल के 5-6 बूंदे मिलाकर मिक्सचर तैयार करें। सोने से पहले इसे अपनी आंखों के आस-पास की स्किन पर लगाएं। बस हो गया आपका काम। 
. विटामिन ठीक करें हाइपर पिग्मेंटेशन विटामिन से हाइपर पिग्मेंटेशन ठीक किया जाए सकता है। इसके लिए एक चम्मच कास्टर आयल में 1-2 कैप्सूल विटामिन ऑयल मिलाएं। अब इसे चहरे पर अच्छे से मालिश करें और रात भर के लिए छोड़ दें। इसे एक महीने तक लगाएं। 8
. खुश्क हाथों के लिए विटामिन विटामिन आपकी त्वचा की सतह से अशुद्धियों को दूर करने में और इसके तेल संतुलन को बनाए रखने में सक्षम है। इसके लिए 2-3 विटामिन कैप्सूल का तेल निकाल लें और उसमें एक चम्मच नींबू का रस और एक चम्मच शहद मिलाएं। अब इस मिश्रण में पानी मिला कर अपने हाथों को 5 मिनट के लिए इस मिश्रण में रखें। फिर अपने हाथों को निकाल कर अच्छे से पोछ लें। 

 फटे होठों को कहें अलविदा ड्राय और फटे होंठों के लिए अब आपको लिप बाम के भरोसे रहने की ज़रूरत नहीं है। बस एक विटामिन कैप्सूल लें और इसे काटकर इसके अंदर मौजूद ऑयल अपने होंठों पर लगाएं और पाएं सॉफ्ट लिप्स।



शरीर में विटामिन E की कमी को पूरा करने वाले खाद्य पदार्थ-

हरी पत्तेदार सब्जियां- हरी पत्ते दार सब्जियां जैसे पालक, विटामिन E के साथ-साथ आयरन का अभी अच्छा स्त्रोत है। इसके अलावा, शलगम, सरसों की पत्तियां और शकरकंद में भी भरपूर मात्रा में विटामिन पाया जाता है। 100 ग्राम पालक में लगभग 2.1 मिलीग्राम विटामिन होता है।

सूखे मेवे- खास तौर पर बादाम, में सबसे ज्यादा विटामिन होता है। 100 ग्राम बादाम में 26.2 मिलीग्राम विटामिन होता है। इनके अलावा, अखरोट, मुनक्के, किशमिश यह सभी विटामिन और आयरन के सबसे बेहतर स्त्रोत हैं।

सूरजमुखी के बीज- सूरज मुखी के बीजों को भून कर इनका सेवन विटामिन E की कमी को बेहद तेजी से दूर कर सकता है। सूरजमुखी के 100 ग्राम बीजों में 36.3मिलीग्राम तक विटामिन होता है।

एवोकैडो- विटामिन E की कमी वाले लोगों के लिए एवोकैडो का सेवन भी फायदेमंद है। 100 ग्राम एवोकैडो में, 2.1 मिलीग्राम विटामिन पाया जाता है।

मछली (रेनबो ट्राउट)- मछली विटामिन का बहुत अच्छा स्त्रोत है खास तौर पर, रेनबो ट्राउट मछली। इस मछली में 100 ग्राम में 2.8 मिलीग्राम विटामिन मौजूद होता है। इनके अलावा, स्वोर्डफ़िश (10%), मछली (6%), स्मोक्ड सामन (6%), और सामन (5%) के सेवन से भी विटामिन की कमी को दूर किया जा सकता है।


ब्रोकोली- ब्रोकोली हरी सब्ज़ियों में पाए जाने वाले सभी तत्वों से भरपूर होने के साथ-साथ, विटामिन E का भी अच्छा स्त्रोत होती है। 100 ग्राम ब्रोकोली में, 1.5 मिलीग्राम विटामिन होता है।


पीनट बटर- विटामिन की कमी वाले लोगों को बटर का सेवन जरूर करना चाहिए। वहीं स्वास्थ्य के मामले में पीनट बतर और भी बेहतर होता है।

बच्चों में इन 10 तरीकों से डालें काम की आदतें: Good Habits

  POST पेरेंटिंग लाइफस्टाइल good habbits by   Nidhi Goel April 1 Click to share on Twitter (Opens in new window) Click to share on Facebook ...

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