Saturday, March 17, 2018

हियरिंग लाॅस के कारण





बहुत सी बीमारियां ऐसी होती है जो पैदाइयषी होती है या अनुवांषिक होती है जिनका इलाज लाइलाज होता है लेकिन कुछ बिमारियां ऐसी होती है जो हमारी लापरवाही की वजह हो सकती है साथ ही आस पास के वातावरण के कारण लेकिन इसका भुगतान हमारें षरीर को भरना पड़ता है। ऐसी ही एक बिमारी हियरिंग लाॅस जिसे हम बहरापन कहते है। इसमें हमें सामने वाले के षब्द साफ साफ सुनाई नहीं पड़ते है। साथ ही उन्हें आपके सामने तेज बोलना पड़ता है। और जहां तेज आवाज में गाने या षाॅरगुल होता है तो उस बीच तो ऐसे व्यक्तियों को जिन्हे कम सुनाई पड़ता है काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है कई जगह तो उन्हे बेहद षर्मींदगी महसूस होती है। क्योंकि ऐसे में लोग आपका मजाक भी बनाते नहीं चूकते। लेकिन यदि आप लापरवाही न बरतें हुए इसके कारणों को ध्यान में रखते हुए इस पर ध्यान दे तो आप इस समस्या से छुटकारा भी पा सकते है।

हियरिंग लाॅस
बहरापन पूर्ण या आंशिक रूप से ध्वनियों को सुनने की शक्ति का ह्रास होने की स्थिति को कहते हैं।यह एक आम बीमारी है। इस रोग में न सिर्फ सुनने की शक्ति कम हो जाती है बल्कि व्यक्ति की सामाजिक व मानसिक परेशानियां भी बढ़ जाती हैं। जब कोई व्यक्ति बोलता है, तो वह ध्वनि तरंगों के द्वारा हवा में एक कंपन पैदा करता है। यह कंपन कान के पर्दे एवं सुनने से संबंधित तीन हड्डियों-मेलियस, इन्कस एवं स्टेपीज के द्वारा आंतरिक कान में पहुंचता है और सुनने की नस द्वारा आंतरिक कान से मस्तिष्क में संप्रेषित होता है। इस कारण ध्वनि का अहसास होता है। यदि किसी कारण से ध्वनि की इन तरंगों में अवरोध पैदा हो जाता है  तो बहरापन हो जाता है।
हियरिंग लॉस दो प्रकार का होता है, पहला कंडक्टिव हियरिंग लॉस और दूसरा सेंसोरीन्यूरल हियरिंग लॉस।
कंडक्टिव हियरिंग लॉस
यह कान के बाहरी और बीच के हिस्से में आई किसी समस्या की वजह से होता है। इसे बीमारी की वजह से होने वाला बहरापन भी कह सकते हैं।
वजह
- कानों से पस बहना या इन्फेक्शन
- कानों की हड्डी में कोई गड़बड़ी
- कान के पर्दे का डैमेज हो जाना
- ट्यूमर, जो कैंसर नहीं होते

सेंसरीन्यूरल हियरिंग लॉस
यह कान के अंदरूनी हिस्से में आई किसी गड़बड़ी की वजह से होता है। ऐसा तब होता है, जब हियर सेल्स नष्ट होने लगते हैं या ठीक से काम नहीं करते। दरअसल, कान में तकरीबन 15 हजार स्पेशल हियरिंग सेल्स होते हैं। इनके बाद नर्व्स होती हैं। हियर सेल्स को नर्व्स की शुरुआत कहा जा सकता है। इन्हीं की वजह से हम सुन पाते हैं, लेकिन उम्र बढ़ने के साथ-साथ ये सेल्स नष्ट होने लगते हैं, जिससे नर्व्स भी कमजोर पड़ जाती हैं और सुनने की शक्ति कम होती जाती है।

हियरिंग लाॅस के कारण
-बढ़ती उम्र में तो ज्यादातर लोगों को कम सुनने की क्षमता होने लगती है।
क्योंकि आपकी नसें कमजोर पड़ जाती है।
-बहुत देर तक यदि आपको कानों में ईयर फोन लगा कर गाने की आदत है तेा ये आदत आपको दिक्कत में डाल सकती है इससे आपके कानों को भारी नुकसान उठाना पड़ता है।
वजह
-कई प्रकार की दवाएं जो बहरेपन का कारण बन सकती है। कुछ खास तरह की दवाएं मसलन जेंटामाइसिन का इंजेक्शन। बैक्टीरियल इन्फेक्शन आदि में इस्तेमाल
-हाॅर्मोंस असंतुलन भी इसकी वजह बन सकता है। साथ ही खसरा,कंठमाला,मेनिंजाइटिस आदि में सुनने की क्षमता पर असर हो सकता है।
-यदि आपको तेज आवाज में टीवी देखने या गाने सुनने की आदत है तब भी आप इस बिमारी का षिकार बन सकते है।
-प्रेग्नेंसी के समय कई बार महिलाएं सावधानी नहीं बरततीं, जिससे गर्भ में पल रहे शिशु को यह समस्या हो जाती है।
-हाई ब्लड प्रेशर, दिमागी बुखार या फिर ज्यादा शोर-शराबे वाला माहौल भी इसका एक मुख्य कारण है।
-कान में तेल, ईयरबड, पिन, पेन आदि जैसी चीजें डालने पर।

इनके अलावा और भी कई कारण-
- सर्दी लग जाना।
-कान में चोंट लगना
- कान में कीडा घुस जाना या संक्रमण होना।
- कान में अधिक मैल
-नहाते समय कान में पानी प्रविष्ठ होना।
- अधिक मोबाइल का उपयोग
-गलत दवाईयों का सेवन
-कान में हड्डियोंका विकास आदि।

हियरिंग लाॅस के लक्षण
आरम्भ में हमें बहरेपन का ज्यादा महसूस नहीं होता है। लेकिन धीरे धीरे इसके लक्षण हमारे सामने आने लगते है जिन्हे आप तुरंत समझ जाए तो अच्छा है साथ ही इसे नजरअंदाज किए बिना डाॅक्टर के पास जाकर इसका भली प्रकार से इलाज कराएं-
-ऐसा महसूस होता है कि कान में सिटी सी बज रही है
-काफी कम सुनने लगता है या उंचा सुनाई देता है।
-तेज आवाज में आप टीवी और गाने सुनते है क्योंकि आपको कम आवाज में कुछ समझ नहीं आता है।
-दूसरों  से बात करने में आप असमर्थ सा महसूस करते है।,
- बातचीत में बार-बार लोगों से पूछना कि उन्होंने क्या कहा
- फोन पर सुनने में दिक्कत होना
- नवजात बच्चे का आवाज न सुन पाना
-कान का भारि होना

सावधानी बरतें
यदि आपको भी कम सुनने की परेषानी से बचना है तो जरूरी है कि कुछ सावधानियां बरतें जिससे आप इस समस्या से बच सके।
-यदि आप किसी ऐसी जगह कार्य करते जहां तेज आवाज रहती है तो कानों में रूई या ईयर प्लग लगाकर रह सकते है।
-ध्यान रहें कभी भी कान में सरसो का या कोई अन्य तेल न डाले।
-कान कोई भी चीज जैसे तिल्ली या पिन न डालकर साफ करे।
-स्नान करते समय ध्यान रखना चाहिए कि साबुन या पानी कान में न जा पाए क्योंकि इससे भी बहरापन हो सकता है।
-टी.वी या गानों को तेज आवाज में नहीं सुनना चाहिए क्योंकि इससे कानों की नसों पर असर पड़ता है। कानों की नसें खराब होने पर यह रोग ठीक होना मुश्किल हो जाता है।
-कानों में किसी भी तरह के रोग होने पर इलाज में देरी ना करें, क्योंकि वक्त पर इलाज होने से यह रोग बिल्कुल खत्म हो सकता है।
कानों को नुकसान पहुंचाने वाली चीजों से बचना चाहिए।

इलाज
-कान में इंफेक्षन के कारण सुनने में दिक्कत आने से उसे दवाओं के जरिए ठीक किया जा सकता है।
-यदि कान के पर्दा किसी कारणवष क्षतिग्रस्त हो गया है तो उसे भी सर्जरी के जरिए ठीक किया जा सकता है।
-लेकिन यदि नर्वस में किसी वजह से सुनने की क्षमता में दिक्कत आई है तो उसे ठीक करना बेहद मुष्किल है। इसके लिए हियररिंग एड का इस्तेमाल किया जाता है।

डा0 षलभ षर्मा इएनटी स्पेषलिस्ट

Friday, March 16, 2018

गर्मियों में हल्का खाएं स्वस्थ रहे



गर्मियां आते ही सूरज की तेज रोषनी और गर्म हवाओं से आपको सामना करना पड़ता है साथ ही कब कौन सी बिमारी आप घेर ले ये डर आपको सताता रहता है। गर्मियों के दिनों में आप थोड़ा सा कार्य करते ही अपने षरीर में थकान और बेचैनी महसूस करतते है। लेकिन स्वस्थ रहने के लिए सबसे आवष्यक है कि आप अपने खान पान का पूरा ख्याल रखें। क्योंकि यदि पानी की कमी या आपने कुछ उल्टा सीधा खा लिया तो आपको डीहाईडरेषन की समस्या भी पैदा हो सकती है। इस मौसम में आप अपने उपर पर्याप्त रूप से ध्यान दें नही ंतो आपको कई तरह की मुष्किलों का सामना करना पड़ सकता है और साथ ही आपकी दिन प्रतिदिन हालत ख्राब हो सकती है। यहां हम आपको बता रहे है कि आप किस तरह अपने खान पान पर ध्यान देकर गर्मियों में भी स्वस्थ रह सकती है।

अपनी दिनचर्या में खान पान को कुछ इस तरह ष्षामिल करे

-प्रात काल उठते ही चाय काॅफी की बजाए दो गिलास गुनगुना पानी पीएं इससे आपका पेट साफ रहेगा साथ ही आप पेट की समस्याओं से दूर रहेगे। वैसे भी गुनगुना पानी फैट को भी कम करता है।

-याद रखे कि पानी पीने के बाद कम से कम एक या घंटे के अंतराल में 9 से 10 के बीच अपना नाष्ता करे। नाष्ते में आप ठंडाई,दही से बनी चीजे जेसे छाछ,फलों का जूस,सत्तू आदि पी सकते है साथ ही ओटस,वेजिटेबल दलिया,साबुत दाने की खिचड़ी,उपमा,ढोकला,अंकुरित दालें आदि आप अपने नाषते में षामिल कर सकते है।

-अब बारी आती है आपके दिन के खाने यानि लंच का ध्यान रखें कि आप गर्मियों में हमेषा हल्का खाने पर ध्यान देें ऐसी सब्जियों को षाामिल करे जो पचाने में आसान होती है जैसे लौकी, टिंडा, कद्दू, तुरई आदि खाएं। साथ ही सलाद में टमाटर, खीरा, ककड़ी, प्याज आदि लें। यदि आप छाछ साथ में पीते है तो वह आपके खाने को पचाने में पर्याप्त रूप से सहायक सिद्व होगी।

-षाम का नाष्ता जिसे हम ब्रंच कहते है आप 4 से 5 में करे। अक्सर ज्यादातर लोग षाम को चाय पीना पसंद करते है लेकिन गर्मियों में चाय से दूर ही रहे तो अच्छा है क्योंकि ये आपके ष्षरीर में एसिड को बनाती है जिससें आपको काफी परेषानी हो सकती है। इस समय आप नारियल पानी, ठंडाई, खसखस का शरबत या फ्रूट जूस ले सकते  हैं। इससे शरीर में ताजगी बनी रहेगी। इनके साथ स्प्राउट्स में खीरा, ककड़ी व अनार मिलाकर खाएं। चाहें तो एक मौसमी फल भी खा सकते हैं। ऑफिस गोइंग हैं तो भुने चने और फू्रट सलाद लें।

-डिनर 8-9 बजे के बीच में करें। रात का खाना हमेषा हल्का होना चाहिए क्योंिक रात को खाना पचाना ज्यादा मुष्किल हो जाता है। यदि आप दो रोटी खाते है तो एक रोटी खाएं साथ में सब्जी जैसे घीया,तौरी आदि बाउल भरकर खाएं इससे आपकी भूख भी मिट सकेगी और आप हल्का महसूस करेंगे। खिचड़ी भी आप अपने रात्रि के भोजन में षामिल कर सकते है।

गर्मियों में इन खादय पदार्थो पर ध्यान रखें ध्यान-

तरबूज खाइये
गर्मियों में तरबूज ना केवल आपको तरो ताजा बनाए रखेगा बल्कि यह आपका पेट भी भरे रखेगा। इसमें विटामिन सी होता है जो कि हमारे शरीर से विशैले पदार्थों को निकालने में मदद करता है। इससे शरीर का मेटाबॉलिज्म बढ़ता है।

डिटॉक्स वॉटर पिएं वजन घटाएं
कई लोग ज्यादा पानी नहीं पीते, लेकिन आप चाहें तो अपने पानी का स्वाद सिर्फ कुछ पदार्थ डाल कर बढ़ा सकते हैं। आपको करना सिर्फ इतना है कि पानी में कुछ स्लाइस नींबू, पुदीने और खीरे की डाल कर एक कांच की बोतल में भरना है। फिर जब भी प्यास लगे, तब इसमें से पानी पियें। आप देंखेगे की धीरे धीरे कर के आपको मोटापा कम हो जाएगा।

पेय पदार्थ जो आपको रखेंगे स्वस्थ
पानी रोजाना 10-15 गिलास पानी आपको स्वस्थ रखने के लिए जरूरी है। कोशिश करें कि ज्यादा ठंडा पानी न पीएं।नींबू पानी चाहे तो चीनी डालें या नमक या फिर दोनों। यंे हर तरह से फायदेमंद होता है। नारियल पानी मां के दूध के बाद सबसे बेहतरीन पेय यह प्रोटीन और पोटैशियम का अच्छा सोर्स है। एसिडिटी,अल्सर में कारगर भी सिद्ध होता है।छाछ में काला नमक और पिसा-भुना हुआ जीरा डली डालने से प्रोटीन खूब मिलेगा। और आपको ठंडक भी पहुंचाएगी। आम पना गर्मियों का खास ड्रिंक है ये विटामिन-सी का अच्छा सोर्स है।

वेजिटेबल जूस
घीया,खीरा,आंवला,टमाटर आदि का जूस मिलाकर पी सकते हैं।फू्रट जूस में  मौसमी,संतरा,माल्टा आदि मौसमी फलों के जूस लें। साथ ही बेल शरबत शरीर को ठंडक के साथ एसिडिटी,कब्ज से भी छुटकारा दिलाता है।

जंक फूड
बर्गर,पिज्जा,तंदूरी चिकन जैसे जंक फूड्स को गर्मियों में बॉय कहना ही अच्छा है। आइसक्रीम का सेवन भी सीमित मात्रा में ही करें।

डाईटीषियन साई महिमा से बातचीत पर आधारित

Monday, March 12, 2018

प्रोटीन की कमी होने पर





बेहतर स्वास्थ्य हममें से प्रत्येक की इच्छा होती है। लेकिन इसको कायम रखने के लिए हर कोई अपनी जीवनषैली पर उतना ध्यान नहीं दे पाता जितना देना चाहिए। यदि खादय पदार्थो की बात की जाए तो हम अपने खान पान में इतने सतर्क नहीं दिखते है जिससे हमें बहुत सी कठिनाईयों या यूं कहे बिमारियों का सामना करना पड़ जाता है। महत्वपूर्ण बात यह है कि कई बार हमारे षरीर में ऐसे परिवर्तन होते है जिन्हे हम अनदेखा कर देते है और वहीं आगे चलकर बेहद घातक सिद्ध होते है। प्रोटीन की बात की जाए तो यह वैसे हम ज्यादातर अपने खादय पदार्थो से प्राप्त करते है लेकिन कई बार कुछ ऐसे बदलाव होते है जो हमें स्वयं को पता नहीं चलते है लेकिन वे प्रोटीन की कमी के संकेत होते है आईए जाने-

प्रोटीन
हमारे षरीर को हमेषा प्रोटीन की आवष्यकता रहती है। ये हमारे षरीर में ईटो के समान है। ये षरीर की कोषिकाओं और उतको केा बचाता है और उनकी मरम्मत करता है। जैसे त्वचा,मांसपेषियां,बाल,हडिडयां आदि। प्रोटीन असल में अमीनो अम्ल की कड़ियॉं होते हैं। ये कार्बन, ऑक्सीजन, और नाईट्रोजन से बने होते हैं। हमारा शरीर प्रोटीन के कई अमीनो अम्ल नहीं बना सकता, इसलिए यह जरूरी है कि ये हमारे आहार का हिस्सा हों। हममे से कुछ लोग ऐसे होते है जो प्रोटीन तब लेते है जब उनको जरूरत होती है जैसे कि व्यायाम या जिम करते हुए लेकिन यदि आप अपने खादय पदार्थो में अपनी जरूरत के मुताबिक प्रोटीन लेते है तो आपके षरीर प्रोटीन की कमी ही नहीं होगी।

प्रोटीन की कमी के संकेत

खाने की लालसा
जब आपकी बाॅडी में प्रोटीन की कमी होती  है तो आपको बार बार भूख लगती है। हम ऐसे में ज्यादातर ऐसे खादय पदार्थो का सेवन करते है जो हमारी सेहत की दृष्टि से फायदेमंद न होकर नुकसानदायक है। ऐसे में जरूरी है कि आप प्रोटीनयुक्त खादय पदार्थो का सेवन करे। जैसे यदि आप मांसाहारी है तो चिकन सैंडवीच और यदि षाकाहारी है तो दाल का सूप बना कर पी सकते है ये आपको फायदे के साथ आपकी प्रोटीन की आवष्यकता की पूर्ति भी करेगे।

बालों का पतला होना
यदि आपको लगे की आपके बाल या पतले होते जा रहे हैं या नहाते वक्त या कंघी करते समय झड़ रहे है तो हो सकता है की आपको प्रोटीन की कमी हो रही हो। बाल मुख्यतः एक विशेष प्रकार के प्रोटीन केराटिन से बने होते है। जब शरीर में प्रोटीन कम पहुंचता है तो शरीर दुसरे जरुरी काम जैसे प्रतिरक्षा प्रणाली के लिए पहले काम में लिया जाता है। इसलिए प्रोटीन की कमी का पहला संकेत बालों के गिरने से मिलता
है। प्रोटीन युक्त आहार आपके बालों की खूबसूरती बढ़ाने का काम करता है। बाल प्रोटीन से ही बनते हैं और खाने में उचित प्रोटीन लेकर आप आपने बालों को चमकदार, मजबूत और खूबसूरत बनाए रख सकते हैं। शरीर में प्रोटीन की मात्रा सही रखना बहुत आवश्यक है इसलिए प्रोटीन तत्व जैसे सोयाबीन और सोया से बने उत्पाद, दाल, दूध-दही और नट्स आदि का सेवन बालों को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करते हैं।

नाखूनों और त्वचा का कमजोर होना
सौंदर्य के लिहाज से भी प्रोटीन बेहद जरूरी माना जाता है. अगर सही मात्रा में प्रोटीन नहीं लिया गया तो इसका नकारात्मक असर त्वचा और नाखूनों पर देखा जा सकता है. प्रोटीन की कमी से त्वचा बेजान और सूखी नजर आने लगती है साथ ही नाखून नाजुक होने लगते हैं। इसके लिए जरूरी है कि आप प्रोटीनयुक्त भोजन खाएं।

अक्सर थकान महसूस होना
आहार में पर्याप्त प्रोटीन्स के बिना एंटीबाॅडीज का निमार्ण नहीं हो पाता और रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है। प्रोटीन्स की कमी के कारण पर्याप्त मात्रा में एंजाइम्स भी नहीं बन पाते जो पाचन को प्रभावित करता है और शरीर द्वारा पोशक तत्वों के उपयोग करने की क्षमता को बाधित करता है। हमें कोई भी कार्य करते हुए थकावट महसूस होने लगती है। और हम अपने आपकों ही दोष देने लगते है।

प्रोटीन की कमी से होने वाली मसूडों की बीमारियां
मसूड़ों की बीमारी किसी भी उम्र में हो सकती है। लेकिन 35 वर्ष की उम्र के बाद मसूड़ों की बीमारी का खतरा बढ जाता है। और अगर शरीर में प्रोटीन की कमी हो तो इस उम्र में हर चार में से तीन लोग मसूड़ों की बीमारी से पीड़ित होते हैं। पेरियोडोंटाइटिस दांतों की समस्या ज्यादातर प्रोटीन की कमी के कारण भी होती है प्रतिदिन 1000 मिलीग्राम प्रोटीन और विटामिन खाने से मसूडों की समस्या कम होती है।

जोड़ों और मांसपेशियों का दर्द
अक्सर लोगों में जोड़ो और मांसपेषियो में दर्द बना रहता है। इसका ज्यादातर कारण प्रोटीन की कमी होना है। प्रोटीन में सिनोविअल फलूइड होता है जो जोड़ों में मौजूद रहकर उन्हे लचीला बनाता है। प्रोटीन की कमी होने से फलूइड कम बनता है जिससे हमें जोड़ो और मांसपेषियों में दर्द होना षुरू हो जाता है।

नींद नहीं आना

नींद के लिए बॉडी को सेरोटोनिन अमीनो एसिड की जरूरत होती है। ये प्रोटीन की वजह से बनते हैं। इसलिए प्रोटीन की कमी से नींद न आने की शिकायत होती है। और अक्सर रात में भी नींद टूट जाती है। यह इसलिए होता है क्यों कि हमारा शरीर शुगर और कार्बोहाइड्रेट मांगता है जिससे दिमाग आराम नहीं कर पता है।

 वजन बढ़ना
अगर आपका वजन बढ़ रहा है तो आपके आहार में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा ज्यादा है और प्रोटीन की काम। प्रोटीन चयापचय बढ़ता है जिससे शारीरिक काम ज्यादा करते हैं और आपका वजन कम होने लगता है। इसलिए आपके आहार में प्रोटीन की मात्रा को बढ़ा दें जिससे आप मानसिक रूप से फिट रहें और स्लिम भी।

प्रोटीन की कमी कैसे दूर करें
 भोजन में अधिक प्रोटीन वाली चीजें शामिल करें। दूध , पनीर , दही , अंडे , दाल , राजमा , सोयाबीन , मसूर , फलियाँ , बादाम , पिस्ता,काजू आदि मेवे , मूंगफली , मक्का , गेहूँ ,आदि साबुत अनाज , सब्जी आदि पर्याप्त मात्रा में अपने भोजन में शामिल करें। एक पुरुष कोलगभग 56 ग्राम और महिला को 46 ग्राम प्रोटीन की आवश्यकता होती है।

Saturday, March 10, 2018

बिना किसी अपराधी भाव के मीठा खा सकेंगी


हर व्यक्ति अपनी किसी न किसी आदत से  परेशान होता है या यूं कहे उसे किसी न किसी चीज की लत होती है यहां हम अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में भोजन मे ली जाने वाली खादय सामग्री बात कर रहे है। मीठा किसे पसंद नही लेकिन जब वह आदत बन जाए तो  शोचनीय स्थिति बन जाती है। या यूं कहे कि बीमारियों को सीधा निमंत्रण देना है। दादी मां के लडडू जो स्वाद और आकार दोनों ही तरह से हमारे मुंह में पानी ला देते है हम कैसे इनसे अपने आपको रोक पाएं ये बेहद  मुश्किल कार्य है। हमे सब कुछ पता होते हुए भी हम चाॅकलेट,वाइट ब्रेड,जैम,जैली,एनर्जी  ड्रिंक आदि ऐसी चीजों से हम अपने आपको रोक नहीं पाते है। रेडी टू इट होने की वजह से बिना किसी मेहनत और समय देखे हम इन्हे तुरंत खा लेते है इनमे भरपूर मात्रा में षुगर होती है लेकिन सेहत की दृष्टि से देखा जाए तो इनमे  न्यूट्रीशन नाम मात्र भी नहीं होता। इन्हे खाने के बाद आप सोचती है चाय या काॅफी में षर्करा की मात्रा कम कर देने से वजन नहीं बढ़ेगा जबकि षायद आपको पता नहीं कि इस तरह के खादय पदार्थ पूरे हफते की आपके  शरीर की आवष्यकता को पूरा कर देते है तब आप किसी खादय पदार्थ मे षर्करा ले या न ले।  जरूरी है कि आप अपने खान पान का नियम बनाए और उनको अपनी रोजमर्रा की जिंदगी पर लागू करे। जिससे आप बिना किसी अपराधी भाव के इनका सेवन कर सकेगी। क्योंकि अति हर चीज की बुरी होती है। 
फलो आौर सब्जियों का सेवन
अक्सर देखा जाता है कि लोगो को मीठे की जगह फल खाना असंभव लगता है क्योंकि उन्हे खाने के बाद मीठे की काफी ललक उठती है लेकिन यदि सेहत की दृष्टि से देखा जाए तो रोज मीठा खाना जहर के बराबर है। कोषिष करे खाने के बाद फलो और सलाद का सेवन करे क्योंकि फल मीठे होने के कारण आपको मीठे की तृप्ति को पूरा करेंगे साथ ही इनमे भरपूर मात्रा में विटामिन्स होने के कारण आपकी सेहत को फायदा पहुंचाएंगे। इसलिए जरूरी है कि फल खाने की आदत डाले।
स्वयं को इनाम दे
आप तय कर ले कि आपको हफते मेें षर्करा की मात्रा कितनी लेनी है जो आपकी सेहत के लिए लाभप्रद हो। यदि आप सही मात्रा को ध्यान में रखते हुए मीठा खाते है तो आपका वजन भी नहीं बढ़ेगा साथ ही आपको किसी बिमारी का सामना नहीं करना पड़ेगा। साथ ही आप आईस क्रीम भी बेझिझक खा पाएंगे। और यदि आप ऐसा करने में सक्षम रहे तो आप अपने आपको इनाम देकर प्रोत्साहित कर सकते है। इससे आपका आत्मविष्वास भी बढ़ जाएगा। 
सुपरमार्केट में बेकार की चीजें लाने से बचे
सबसे जरूरी है कि हमें खरीददारी करते समय बेकार की चीजंे लेने से बचना चाहिए क्योंकि सुपरमार्केटस में आपकी मनपसंद ढेरों चीजो होती है साथ ही इनको देखकर आपका मन ललचा जाता है लेकिन जरूरी है कि इनसे बचा जाए आप अपनी सेहत को ध्यान में रखते हुए इन्हे अनदेखा करे साथ ही सामान खरीदने जाते समय एक सूची बना ले कि आपको क्या जरूरी चीजे खरीदनी है उसको ध्यान में रखते हुए ही सामान खरीदे इससे आपकी बजत और समय दोनो बचेगा।
 कमजोरी का समाधान
अक्सर ऐसा होता है कि खाली समय में जब आपके पास कुछ कार्य करने को नहीं होता तब आपका मन कुछ हल्का फुल्का खाने को करता है तब ज्यादातर आप ऐसी खादय सामग्री का सेवन करते है जो आपकी हेल्थ के लिए सही नहीं। ऐसे में जरूरी है कि आप स्वयं को किसी कार्य में व्यस्त रखें। अपनी मनपसंद गतिविधियां करे इससे आपका मन भी खुष रहेगा साथ व्यस्त रहने के कारण आपका बेकार की चीजों का खाने का मन नहीं करेगा।

हमेषा भोजन चबा कर खाएं
खाना हमेषा चबा कर खाना चाहिए क्योंकि इससे आपका खाना सही प्रकार से पचता है साथ ही आपको खाना खाने में समय लगने से आपके दिमाग को एक संतुष्टि मिलती है कि आपने भरपेट खाना खाया है। धीरे धीरे चबाकर भोजन करने से खाना स्वादिष्ट लगता है साथ ही संतुष्टि का एहसास होता है जिससे बार बार भूख लगने की समस्या से छुटकारा मिलता है।

समय को सुनिष्चित करें
अक्सर लोग समय पर खाना नहीे खाते है और जब भूख लगती है तो अपनी डाइट से ज्यादा खा लेते है या यूं कहे आॅवरइटिंग कर लेते है साथ ही मीठा खाना भी नहीं भूलते है।लेकिन जरूरी है कि आप खाने का समय सुनिष्चित करे उसी को ध्यान में रखते हुए खाना खाए। सही समय पर खाना खाने से आपकी सेहत भी सही रहेगी और आपको अफसोस भी नहीं होगा कि आपने जरूरत से ज्यादा खा लिया है।

कुछ अलग प्रयोग करे
यदि आप चाहे तो खाने में बदलाव ला सकते है कुछ ऐसे प्रयोग जो आपके मीठा खाने की इच्छा को ध्यान में रखते हुए हो। जैसे यदि आप ब्रेड पर जैम लगाकर खाते है तो उसकी जगह षहद का इस्तेमाल कर सकते है ये सेहतमंद भी है और आपकी मिठास को भी बनाया रखेगा। इसी तरह यदि आप काॅर्नफलैक्स खाते है और उसमे चीनी डालते है तो उसके स्थान पर षहद डाल सकते है। खाने के बाद मीठे की इच्छा हो तो कुछ और मीठा खाने के बजाए गुड़ खाए ये भोजन को पचाता है।

जीआई फूड को चुनें
चीनी खाने की आदत को कंट्रोल करने के लिए जीआई फूड को खाएं। इससे शरीर को ऊर्जा मिलेगी और आपका हर टाइम मीठा खाने का मन भी पूरा हो जाएगा। जीआई फूड में नट्स, ब्राउन राइस, नॉन स्टार्ची सब्जियां, फलियां और ओट्स शामिल होती है।

 

खुश रहे

अगर आप खुश रहेंगे तो भावनात्मक रूप से कमजोर नहीं पड़ेगे और इस तरह शारीरिक रूप से तंदुरूस्त रहेगें। आप चाहें तो नींबू पानी भी समय - समय पर पीकर सुगर खाने की आदत से छुटकारा पा सकते है। कुछ मजाकिया काम करके भी आप खुश रह सकते है।

मीठा खाने की तलब
शुगर
खाने की लत छुड़वाने के लिए आप ध्यान दें कि आपको चीनी खाने या कुछ भी मीठा खाने की लत कब लगती है। आप उसी टाइम कुछ और खा लें जैसे - इलायची, ड्राई फूट्रस आदि। इससे आपका मुंह चलता रहेगा व कुछ और खाने का मन नहीं करेगा।

बच्चों में इन 10 तरीकों से डालें काम की आदतें: Good Habits

  POST पेरेंटिंग लाइफस्टाइल good habbits by   Nidhi Goel April 1 Click to share on Twitter (Opens in new window) Click to share on Facebook ...

popular post