Good Habits: सामान सही जगह पर रखना
अक्सर बच्चों को अपना कमरा और घर को फैला कर रखने की आदत होती है। ऐसा इसलिए होता है कि बच्चे अपना सामान सही जगह पर नहीं रखते है। स्कूल से आकर बैग कहीं फैकना, बोतल कहीं तो शूज कहीं। ऐसे में आप उन्हें समझाए कि वे अपना सामान सही जगह पर रखें। इससे उन्हें घर और कमरे में सामान फैलाने की आदत नहीं पड़ेगी।
बर्तनों को साफ करके रखना
आप बच्चों में अपने बर्तन स्वयं साफ करने के लिए कहें। जिससे उन्हें पहले से ही आदत पड़ जाए कि अपने बर्तन खाना खाने के बाद धो कर रखने हैं। इससे बच्चों में स्वयं पर निर्भर होने की आदत पड़ती है। कुछ मां-बाप को लगता है बच्चा नहीं कर पाएगा लेकिन ऐसा नहीं है जब आप आदत डालेंगे तो वह सभी चीजों को भलीभांति कर पाएगा।
कपड़ों को तय करना
घर के ये छोटे-छोटे कार्य बच्चे को आत्मनिर्भर बनाते है। बच्चों में कपड़े तय करने की आदत डाले। जिससे वे अपनी अलमारी को भी भली प्रकार से लगा पाएंगे। क्योंकि जब बच्चे कपड़े तय कर सकेंगे। तो वे अपनी अलमारी को बिखरा देखकर उसे समेट कर रखेंगे। बच्चों में बचपन में जो आदते पड़ जाती है वो उनमें बड़े होने पर भी रहती है।
डस्टिंग की आदत
बच्चों में साफ सफाई की आदत होनी चाहिए जैसे अगर कमरे में स्टडी टेबल है तो उसे अच्छी तरह साफ करके रखें। किताबों पर कम्प्यूटर पर गंदगी न बैठ पाए। साथ ही घर में कहीं भी मिटटी दिखे तो उसे साफ कर दें। इससे आपको भी आसानी रहेगी। बच्चे जब साथ मिलकर घर के कामों में हाथ बंटाने लगते है तो बड़ों को दिक्कत नहीं होती है। बच्चों को पता होना चाहिए कि कोई भी कार्य इतना बड़ा नहीं होता है।
सैंडविच बनाना
जब बच्चा किशोरावस्था में आ जाता है तो उसे कुछ खाने की चीजे स्वयं से भी बनानी आनी चाहिए। ऐसे में जब घर पर कोई न हो तो वे भूख लगने पर खुद कुछ बनाकर खा सके। साथ ही अपने छोटे भाई बहन को भी खिला सके। बच्चे की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए आप उन्हें सैंडविच बनाना जरूर सिखाएं। तो जरूरी है कि बच्चों को रसोई में हाथ बंटाने के लिए कहे इससे उन्हें बड़े होने पर दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ेगा। साथ ही कभी वे भूखे हो तो अपने लिए कुछ बना कर खा सकेंगे।
स्कूल की तैयारी रात को करके रखना
बच्चों में आदत डालें कि वे रात को ही स्कूल की सारी तैयारी करके रखें जैसे बैग लगाना,पानी की बोतल भरकर रखना, ड्रेस को अलग से निकालर कर रखना, शू पॉलिश करके रखना आदि। इससे बच्चे अनुशासन और अपना कार्य स्वयं करने की आदत सीखते है। कई बार आपने देखा होगा कि कुछ बच्चों रात को सामान लगा कर नहीं रखते है और फिर सुबह पहले सामान ढूंढने लगते है। इससे बच्चा कभी अनुशासित नहीं हो पाता है।
कपड़े सुखाना
बच्चों को कहे कि वे आपके साथ कपड़ों को सूखाने में मदद करें। आजकल कपडे धूल तो मशीन में जाते हैं लेकिन कपड़े सूखाने के लिए आप अपने बच्चे की मदद जरूर लें। और जब वे कपड़े सुखाना सिख जाएं। तो बड़े कपड़ों को भी सुखाना सिखाएं। आजकल यदि आप बच्चों को देखें तो उन्हें घर का कोई भी काम करना नहीं आता। वह अपना अधिक समय टीवी और फोन में व्यतीत करते है। और मां बाप उनको कुछ नहीं बोलते, इससे उन्हें ही बच्चों के बड़े होने पर दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
बैडकवर चेंज करना
कई बार बच्चे इतने आलसी होते हैं कि वे अपने कमरे में गन्दी चादर पर ही सोते रहते हैं। उन्हें समझाए कि जब चादर गंदी हो जाए तो उसे चेज करें। क्योंकि ज्यादा दिन तक ये चादर चेंज न करने पर कीटाणु घर कर लेते है तो उनमें साफ सफाई की आदत होनी चाहिए। सप्ताह में एक बार तो वे चादर और तकीये के कवर चेंज करें। और साफ सुथरी चादर को बैड पर बिछाएं।
पौधों को पानी डालना
पौधों को पानी डालना भी एक कार्य है क्योंकि पौधों में सही समय पर पानी डालना जरूरी होता है। साथ ही किस पौधे को कितने पानी की आवश्यकता है ये भी ध्यान में रखना होता है। तो उन्हें कहे कि वे पौधों को पानी सही समय पर दें। उन्हें पौधों को पानी देने का महत्व समझाए। तभी वह पौधों में पानी देने के इस काम को जिम्मेदारी से करेंगे।
अलमारी को सही से रखना
बच्चों को समझाए कि वे अलमारी को सही से लगा कर रखें। क्योंकि अलमारी सही से नहीं रखने पर उन्हे समय पर चीजे नहीं मिल पाएगी। इसलिए अलमारी में सभी सामान सही जगह पर सुव्यवस्थित तरीके से रखना चाहिए। इसी तरह उन्हें अपनी स्टडी टेबल पर भी ध्यान देना चाहिए। क्योंकि उस पर सारा पढ़ाई का सामान रखना होता है जो बेहद जरूरी। क्योंकि कई बार बच्चे पढ़ाई के बाद पढ़ने के सामान को कहीं भी रखकर छोड़ देते हैं
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