Monday, October 2, 2017

एंटी एजिंग फूडस



हम में से अधिकतर लोग चाहते है कि वे दिखे सुंदर और स्वस्थ। लेकिन इसके लिए जरूरी होता है कि आपका डाईट पर कंट्ोल होना। और जबकि आप उम्र के उस पड़ाव पर जहां आपका खान पान पर ध्यान देना आपके स्वास्थ्य पर असर डाल सकता है। इसलिए बेहद जरूरी है कि आप अपने खान पान पर पूरा पूरा ध्यान दें। यहां हम कुछ एंटी एजिंग फूडस के बारे में बता रहे है जिन्हे आप अपने भोजन में शामिल करें और अपने स्वास्थ्य का रखें ख्याल-

नट्स
अधिकांशत यही समझा जाता है कि मेंवों में वसा की मात्रा अधिक होती है अत इनका सेवन हानिकारक होता है। माना कि इनमें वसा अधिक होता है लेकिन ये हानिकारक कतई नहीं होतें है। वास्तव में मेवो में पाॅली असंतृत्त वसा होती है जो बुरे कोलेस्ट्ोल को कम करती है। मेवों मे हृदय तथा अन्य असाध्य रोगों से सुरक्षा प्रदान करने की शक्ति होती है। साथ ही इनमें कैंसर से लड़ने वाले तत्व होते है। और फाइबर भी प्रचुर मात्रा में होता है।
यदि एक बार आप मेवांे का प्रयोग कर रहे है तो फिर पूरे दिन आपको अतिरिक्त कैलोरी लेने की जरूरत नहीं पड़ती। उम्र बढने के साथ आपको जरूरत होती है बीमारियों से लड़ने की क्षमता। मेवों मेे अमीनो एसिड जैसे आर्जीनिन पाए जाते है। इनमें विटामिन ई,विटामिन बी 6 तथा फालिक एसिड तथा खनिज लवण मैगनेशियम,जिंक,आयरन,कैल्शियम,काॅपर,सेलेनियम तथा पोटेशियम पाए जाते है।

गार्लिक
एनल्स आॅफ इंटरनल मेडिसिन की एक रिर्पाट के मुताबिक प्रति सप्ताह पांच दाना कच्ची या पकी लहुसन खाने से कैंसर का खतरा 30 से 40 फीसदी कम हो जाता है। लहुसन में कैंसर से लड़ने की विलक्षण क्षमता है। लहसुन सेवन से कोलेस्ट्ोल में 4 से 6 फीसदी गिरावट हो सकती है। उम्र बढ़ने के साथ कई बार रक्त की कमी हो जाती है ऐेसे में आप लहुसन का सेवन अवश्य करें इसमे पर्याप्त मात्रा मे लौह तत्व होता है जो कि रक्त निर्माण मे सहायक होता है। लहसुन मे विटामिन सी होने से यह स्कर्वी रोग से भी बचाता है।

पास्ता
पास्ता यदि आप अपने नाश्ते में शामिल करते है तो ये काफी फायदेमंद पहुचाने वाला होता है। पास्ता का सेवन ब्लड शुगर के स्तर में कमी लाने के साथ साथ भूख का अहसास करने वाले हार्मोनो को भी कम करने में मददगार हैं। पास्ता का सेवन जब सामान्य हाई कार्बोहाइड्ेट भोजन जैसे ब्रेड आदि के साथ किया जाता है तो ये कार्बोहाइड्ेट शरीर में बेहतर अवशोषण सुनिश्चित करता है जिसके परिणामस्वरूप ब्लड शुगर का स्तर अपेक्षा से कहीं अधिक घट जाता है।

दही
विक्षेषण के आंकड़े बताते है कि 200 ग्राम दही में 300 मि ग्रा कैल्शियम होता है। कैल्शियम की यह मात्रा मोटापे को रोके रखने मे मदद करती है। वजह यह है कि आप पर्याप्त कैल्शियम न ले तो शरीर ज्यादा मात्रा मे वसा जमा करता है। सभी जानते है कि जब वसा जमा होती है तो आपका पेट उसका सबसे पहला ठिकाना होता है। इसके अलावा दही लेप्टीन नामक हारमोन की क्रियाशीलता भी बढ़ाता है जिससे कि शरीर ज्यादा उर्जा खर्च करता है।

आॅलिव आॅयल
आॅलिव आॅयल में पाया जाने वाला एंटीआॅक्सीडेंट विटामिन ईके उच्च स्तर के कारण उम्र बढ़ने के लक्षणों को सामने लाने से रोकता है। इससे फ्री रेडिकल्स नहीं बनते है। जिससे कैंसर को रोकने और हडिडयों को मजबूत बनाने में मदद मिलती है। यह सौ प्रतिशत प्राकृतिक कोल्डप्रस्ड होता है और इसमें उच्च वसा व घुलनशील विटामिन की मात्रा होती है। इसका स्वाद ऐसा होता है कि यह सभी खाद्य प्रदार्थो के लिए उपयुक्त है।

वाॅटर
एक वयस्क पुरूष के शरीर में पानी उसके शरीर के कुल भार का लगभग 65 प्रतिशत और एक वयस्क स्त्री शरीर में उसके शरीर के कुल भार का लगभग 52 प्रतिशत तक होता है। प्रतिदिन हमारे शरीर से 2.3 से 2.8 लीटर तक पानी विभिन्न रास्तों से बाहर निकल जाता है। इसलिए बेहद जरूरी है कि आप दिन में से कम से कम आठ गिलास पानी अवश्य पिएं। इसके अलावा लिक्विड चीजें जैसे जूस,सूप,शेक्स भी ले सकते है।


डार्क चाॅकलेट
डार्क चाॅकलेट त्वचा को धूप से होने वाले नुकसान से बचाती है साइंटिस्टों का कहना है कि डार्कचाॅकलेट कैंसर से भी बचाती है इसमें फलेवनाॅलकी मात्रा अधिक होनी चाहिए कारण इसका यह कम्पाउंड एक तरह का एंटिआॅक्सिडेंट है ये नारियल के बीज में पाया जाता है। रिसर्च में पाया गया है कि ज्यादा फलेवनाॅल वाली चाकलेट खाने से लोगों मे सूर्य की किरणों मे पाये जाने वाली यूवी किरणों को झेलने की क्षमता बढ़ जाती है।

तरबूज
तरबूज में पोटेशियम भरपूर मात्रा में पाया जाता है जो ब्लड प्रेशर को कंट्ोल कर हार्टबीट को रेगुलेट करता है। इस तरह हार्टबीट को रेगुलेट करता है। इस तरह हृदयघात का डर कम हो जाता है। तरबूज में बीटाकैरोटीन भी भरपूर मात्रा में पाया जाता है। यह कैंसर और कई क्राॅनिक डिजीज से बचाता है। आप इन्हे चाहे काट कर खायें या जूस पीयें। तरबूज को लाईकोपीन का अहम सोर्स माना जाता है। ये एक तरह का कैरोटीनाइड है। इसके उपर काफी शोध किए गए और पाया गया है कि प्रोस्टेड,ब्लड कैंसर के कैंसर को रोकने में मददगार साबित होता है।

सोया
जिन  महिलाओं को मिनोपोज जब हो जाए तो उसमें एस्टोजेबल लेवल सोया के जरिए मेंटेन किया जा सकता है। इससे दिल की बीमारियों के खतरे कम होते है। अपने आप में सबसे प्रोटीन और आसानी से हजम होने वाला प्राकृतिक तत्व है सोया। सोया का मतलब सोया साॅस से नहीं निकालें क्योंकि सोया साॅस में भरपूर नमक और बेकार के तत्व होते है।

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