प््रााचीन काल से ही हमारी सभ्यता में चला आ रहा है कि भारत पुरूष प्रधान देष है। लेकिन अब समय करवट ले चुका है स्त्री हो या पुरूष दोनो को ही सामान्यता से देखा जाता है। और यदि बात पति और पत्नी के बीच की हो तो दोनो ही आधुनिक काल में सभी जिम्मेदारियों को बखूबी निभाते दिखते है लेकिन कई बार ऐसा होता है कि पति अपनी पत्नी में यदि किसी चीज में कम है तो वह हीन भावना का षिकार होने लगता है और उसे अपनी पत्नी कांटे के समान लगने लगती है। लेकिन ऐसे में जरूरी है कि पत्नी और पति में आपसी तालमेल। क्योंकि कई बार ऐसा होता है कि पति पत्नी में खटास नहीं होती है लेकिन दूसरे लोग ताने कस कसकर आग में घी का काम कर देते है। ऐसे में जरूरी है कि पति पत्नी दोनो ही इस कठिन परिस्थिति से निकलने की कोषिष करे।
गलत मानसिकता में रचा बसा हमारा समाज
समाज में मानसिकता हमेषा बनी रहती है कि पत्नी के बजाए पति का ओहदा हमेषा उच्चा होता है। पत्नी की उच्च षिक्षा,संुदरता और मषहूर और सफल होने से पति को ईगो प्रोब्लम होने लगती है। समाज की दृष्टि से पति को पत्नी की तुलना में प्रतिभाषाली,गुणी,उच्च पदस्थ आदि होना चाहिए। लेकिन पति पत्नी को चाहिए की ये आपकी अपनी जिंदगी है इसमें उच्चा बड़ा कुछ मायने नहीं रखता है।
पत्नियां कैसे इससे निपट सकती है
पत्नियां का व्यवहार इस पर काफी निर्भर करता है पत्नी का अविवेकपूर्ण व्यवहार इस समस्या को और अधिक बढ़ा देता है। परंतु ऐसी स्थिति में यदि पत्नी पति के मन में आई हीनभावना को पहचानकर उसका हल नहीं निकाल पाएंगी तो आपका हंसता खेलता परिवार जल्द ही तबाही के रास्ते पर आ जाएगा।
पत्नी यदि एक उंचे ओहदे पर है
अक्सर देखने में आता है कि पत्नी का उंचे ओहदे पर होना समाज में लोगों को गवारा नहीं होता। ऐसा ही कुछ ’’षालिनी के साथ हुआ उसकी लव मैरिज थी वह एक उच्च षिक्षा प्राप्त एक प्रतिष्ठित कम्पनी में एक उच्च पद पर कार्य करती थी लेकिन इसके विपरीत उसका पति अरूण ने 12 वी ही पास की थी साथ ही वह अपनी पत्नी के मुकाबले निम्न पद पर था। अक्सर उसे लोग बोलते रहते थे तूझे इतनी षिक्षित और कमाउ बिवी कहां से मिल गई। साथ ही षालिनी भी कहीं न कहीं उसे ताने दे देती थी। इन सभी बातों से उसे इतना अधिक डिप्रेषन होने लगा कि उसमे अपनी पत्नी के खिलाफ जहर घुलने लगा साथ ही तलाक तक की नौबत आ गई। लेकिन जरूरी नहीं हर रिष्ते का अंत यही हो।
पत्नियां ध्यान दें-
पत्नियों के सामने यदि ऐसी स्थिति आए तो वे इससे घबराएं नहीं बल्कि इनसे डटकर सामना करे। कई बार हम बाहर वालो की गलतियां गिना देते है लेकिन कहीं न कहीं हममे भी खोट होती है। अक्सर एक बड़े ओहदे पर होने के कारण आप अपने पति को खड़ी कोटी सुनाती रहती है जैसे आप अपनी पढाई व कमाई के नशे में चूर अपने पति की कमियों का उपहास कराती रहती है कि घर का सारा खर्च तो मेरी कमाई पर ही चलता है। कई कमाऊ पत्नियां सबके सामने यह कहती पाई जाती हैं कि अरे यह कलर टी.वी तो मैं लाई हूं, वरना इनके वेतन से ब्लैक एंड व्हाइट ही आता। लेकिन इन सब बातों से रिष्तों में खटास बढ़ती है। बल्कि आपको चाहिए कि आप अपने पति को प्रोत्साहित करें कि वे भी जीवन में तरक्की करें, न कि हीनभावना से ग्रस्त हो, कॉम्प्लेक्स पर्सनेलिटी बन जाएं।
पति ध्यान दें -
पतियों को चाहिए कि आप अपनी पत्नी से हीनभावना करने के बजाए उन्हे आगे बढ़ने का प्रोत्साहन दे। यदि कोई बाहरी व्यक्ति कम ज्यादा तनख्वाह का मुददा उठाए तो आप कहिए, हमारे घर में सब कुछ साझा है और हम दोनों पति-पत्नी मिल-जुलकर घर की जिम्मेदारियां निभाते हैं। आपका यह उत्तर आपके पति को जलालत से बचा लेगा।
पत्नी का खुबसूरत होना-
वैसे तो हर आदमी की चाह होती है कि उसकी पत्नी खुबसूरत हो लेकिन यदि पत्नी बेहद खुबसूरत हो और पति कम स्मार्ट और सिंपल हो तो लोग ये बोलते नहीं रूकते अरे देखो तो लंगूर के मुंह में अंगूर या बंदर के गले में मोतियों की माला। ऐसे में पति को पत्नी बेहद खटकने लगती है। वह न चाहकर भी उसे ताने देता रहता है। वैसे तो पत्नी की तारीफें पति को गर्व से भर देती हैं, लेकिन जब पत्नी की आकर्षक पर्सनेलिटी पति के साधारण व्यक्तित्व को और दबा देती हैं, तब संतुलित विचारों वाला पति और भी बौखला जाता है। नतीजतन पति अपनी सुंदर पत्नी के साथ पार्टी-समारोह में शिरकत करने से बचने लगता है। अगर साथ ले जाना जरूरी हो तो पार्टी में पहुंचकर पत्नी से अलग-अलग खडा रहता है। और हर समय पत्नी के सजने धजने तक पर भी कटाक्ष करता है।
पत्नी ध्यान दें-
ऐसे में पत्नियों को समझदारी से काम लेना चाहिए। यदि आपको लगता है कि आपका पति आपकी खुबसूरती को लेकर हीनभावना महसूस कर रहे है तो आप उनको समझाइए कि आपसे बढ़कर मेरे लिए दुनिया में कोई मायने नहीं रखता है। साथ ही आप अपने पति के सामने किसी आकर्षक दिखने वाले आदमी की बात न करे। किसी महफिल या समारोह में हाथों में हाथ डालकर उन्हे ये दिखाने की कोषिष करे कि वे आपके लिए रूप रंग की बजाए उन्हे दिल से प्रेम करती है।
पति ध्यान दें-
जिंदगी में उतार चढ़ाव आते रहते है लेकिन आपकी पत्नी आपकी हर परिस्थितियों में आपका साथ निभाती हैं। ऐसे में जरूरी है कि आप लोगों की बातों को नजरअंदाज करे क्येांकि कुछ लोगों का काम होता है कि दूसरे खुषहाल परिवार में आग लगाना। यदि पति पत्नी दोनो एक दूसरे का साथ सही से निभाएं तो दूसरा कोई उंगली नहीं उठा सकता।
मायके के पैसे का घमंड
कई बार ऐसा होता है कि पत्नी के मायके में ससुराल के मुकाबले बेहद ज्यादा पैसा होता है। पत्नी की सहज मगर रईस जीवनषैली,उसके मायके वालो का लेवल,गाड़ियां,कोठियां पति को हीनता का एहसास दिलाने लगते है। साथ ही पत्नी अपने पति को मायके में ज्यादा पैसे होने का गीत गाती रहती है। बात बात पर अपने मायके के सुख बखान अपने पति के सामने ताने देकर करती रहती है। जिससे पति हीन भावना में आ जाता है। और उसे पत्नी खटकने लगती है।
पत्नी ध्यान दें-
पति पत्नी के रिष्ते में एक दूसरे का सम्मान सबसे ज्यादा अहम होता है। पत्नी को चाहिए कि वह अपने माता पिता के पैसे पर इतना अभिमान न करे कि जिससे दूसरे को ठेस पहुंचे। हमेषा मायके के ऐष्वर्य को अपने पति के सामने न गाए इससे उनके अहम को ठेस पहंुचती है साथ ही वह आपको मायके जैसा सुख न देने के कारण हीन भावना से ग्रस्त हो जाते है। साथ ही पति को ये भी कहें, आपके गुणों से प्रभावित होकर मैंने आपको चुना है और मुझे आपकी सादगी और जीवनशैली को लेकर कोई शिकायत नहीं हैं।कोशिश करें कि इन बातों को कहें ही नहीं, उन पर अमल भी करें।
पति ध्यान दें-
कई बार पत्नी के कुछ खरीदने पर या किसी डिमांड पर पति क्रोधित होकर उसके मायके के ऐष्वर्य को लेकर उल्टा सीधा बोलने लगते है। लेकिन जरूरी है कि आप प्रेमपूर्वक आपस में बैठ बात करे न कि लड़ाई ही इस विष्य का समाधान है। जैसे पत्नी का बार बार अपने मायके के सुख का ताना देना खराब लगता है ऐसे ही आपका उनके मायके के लिए बोलना भी इस चीज को बढ़ावा देता है।
No comments:
Post a Comment