Monday, October 2, 2017

साइनस संक्रमण से बचने के लिए कुछ घरेलू उपचार




अधिकांष लोग सोचते है कि हल्का फुल्का सिर दर्द या कफ होना एक आम बिमारी है थोड़े ही समय में सही हो जाएगी लेकिन उन्हे पता नहीं कि ये बिमारी उनके लिए घातक साबित होने वाली होती है। क्योंकि लम्बे समय तक सिर में दर्द और कफ की षिकायत साइनस इंफेक्षन का रूप ले लेती है।नाक, मस्तिष्क व आंखों के अंदरूनी भाग में बची थोड़ी खोखली जगह को साइनस कहते हैं। क्योंकि साइनस के मार्ग के रुकने पर बलगम निकलने में परेशानी होती है, इसे साइनोसाइटिस कहते हैं। आमतौर पर साइनस की समस्या का मुख्य कारण धूल और प्रदूषण होता हैं। लेकिन बदलते मौसम से भी साइनस की समस्या काफी बढ़ जाती है। इसके लिए हम आप कुछ घरेलू उपचार बता रहे है जिनके द्वारा आप साइनेस की समस्या से छुटकारा पा सकते है।

घर का वातावरण को स्वच्छ रखने हेतु
धूल मिटटी में महीन कण,पषुओं में रूसी,फफूंदी आदि जो वायु में रहने वाले ऐसे कीटाणु साइनस के होने के कारण माने जाते है। इसके लिए आप अपने घर में एयरफिल्टर लगवाएं। जिससे आपके घर का अंदरूनी वातावरण स्वच्छ बन सके। लेकिन ध्यान दे कि हर महिने इन्हे बदलवाते रहे। साथ ही अपने पालतू जानवरो को घर के बाहर रखे जब भी वे अंदर आए तो ध्यान दे कि वे साफ सुथरे हों। कम से कम हफते में एक बार घर में वैक्यूम क्लीनर करवाए।

बाहरी संक्रमण से बचने हेतु
धूल मिटटी,धुंध और वाहनों से होने वाला प्रदूषण आदि से वायु में संक्रमण फैला होता है। कुछ लोगों से इनसे साइनस की समस्या रहती है ऐसे में आप जब भी बाहर जाए तो मुंह पर मास्क लगाकर जाए। यदि स्वयं कार से चला रहे है तो ज्यादातर षीषे बंद करके रखे और ध्यान दें कि आपकी कार का वेंटीलेषन सीस्टम सही प्रकार से कार्य कर रहा हो।


पानी की कमी से बचे
यदि आपको साइनस की समस्या है तो जरूर आपके षरीर में पानी की कमी है आपको जल्द ही इस समस्या से निजात पाना होगा नही ंतो आपके सामने बेहद खतरनाक स्थिति पैदा हो जाएगी। इसके लिए आपको पर्याप्त पानी रोज पीना चाहिए नहीं, तो एक बड़ी मुसीबत हो सकती है। एल्कोहल,कैफीन और मीठे पेय पदार्थ और धुम्रपान करने से बचे। इससे बलगम गाढ़ा होने के साथ नासिका में सूजन आ जाती है जिससे सांस लेने में समस्या आती है।

सेब का सिरका
सेब का सिरका भी एक ऐसा उपचार है जो साइनस को ठीक करने में काफी अहम् भूमिका निभाता है। इसके लिए 2 चम्मच सेब के सिरके को आधा कप गर पानी, जो कि उबलता हुआ ना हो, के साथ मिश्रित करें। इसमें 1 चम्मच शहद,1 चम्म्च मिर्च और 1 चम्मच नींबू भी मिलाएं। इस मिश्रण को गर्म रहते हुए पियें और आपको काफी फर्क नजर आएगा।आप सेब के सिरके का भरपूर लाभ उठाने के लिए इससे भाप भी ले सकते हैं। इसके लिए पानी और सेब के सिरके को बराबर मात्रा में मिश्रित करें और इससे भाप लें। यह मिश्रण संक्रमण पैदा करने वाले बैक्टीरिया (इंबजमतपं) को खत्म करता है और आपको काफी आराम पहुंचाता है।

नमक का पानी
आमतौर पर नमक का उपयोग घर पर होता है, तो साइनस की समस्या के समाधान के लिए आप नमक और पानी से अपनी नाक धो सकते है। नमक नासिका से बेक्टीरिया और वायरस को दूर करने में सहायक होता है।

विटामिन सी
विटामिन सी प्रतिरोधक क्षमता की कार्य क्षमता में इजाफा करने की अपनी प्राकृतिक खूबियों की वजह से जाना जाता है। यह विटामिन एक बेहतरीन एंटीऑक्सीडेंट  का काम करता है और इस बात को सुनिश्चित करता है कि आपका शरीर फ्री रेडिकल्स  के हानिकारक प्रभावों से बचा रहे। आप फलों से भी विटामिन सी प्राप्त कर सकते हैं। साइट्रस (बपजतने) फलो के अलावा अमरुद जैसे फल भी विटामिन सी से भरपूर होते हैं। अगर आप विटामिन सी का पूरक लेना चाहते हैं तो आप ग्रेपफ्रूट के बीजो और गुदे बना स्प्रे आता है जो नाक में से कफ को दूर करने में कारगर रहता है।

हल्दी और अदरक
अगर आप साइनस से तुरंत छुटकारा प्राप्त करना चाहते हैं तो हल्दी और अदरक की जड़ से बनी चाय का सेवन करें। हल्दी में कई औषधीय गुण होते हैं और इसमें मौजूद तत्व इसे जलनरोधी भी बनाते हैं, जिससे किसी भी तरह की एलर्जी (ंससमतहल) और चिडचिडेपन को दूर किया जा सकता है। अदरक की जड़ें नाक को खोलने में आपकी मदद करती हैं और अन्दर की गन्दगी को साफ करती हैं।इसके लिए 1 इंच हल्दी और 1 इंच अदरक की जड़ लें। इन दोनों को मसलकर एक कप उबलते गर्म पानी में डाल दें तथा ऊपर से ढक्कन लगा लें। इसे 10 मिनट तक आंच पर रखें और फिर छान लें। इस चाय का सेवन करने से आपको साइनस के दर्द से छुटकारा प्राप्त हो जाएगा

काॅड लिवर तेल
आप दवाई की दुकानों पर कॉड लिवर के तेल को एक कैप्सूल की तरह प्राप्त कर सकते हैं।अगर आपको कोई खास शारीरिक समस्या नहीं है तो ये तेल स्वास्थ्य के लिए काफी अच्छा होता है। यह विटामिन ए और डी का काफी अच्छा स्त्रोत होता है और शरीर में काफी मात्रा में ओमेगा 3 फैटी एसिड्स का संचार करता है। इससे आपकी प्रतिरोधक क्षमता में काफी इजाफा होता है और आप साइनस तथा अन्य संक्रमण से दूर रहते हैं।

ओरिगैनो तेल
अजवायन (ओरिगैनो) साइनसाइटिस के उपचार के लिए अच्छा है क्योंकि यह अपने रोगाणुरोधी गुणों के कारण उन कीटाणुओं को मारने में सहायक है जो इस बीमारी का कारण हैं। अजवायन की पत्ती का तेल अपने आहार में भी शामिल कर सकते हैं, एक दैनिक आधार पर पानी के गिलास या चाय के कप में इसकी 2-3 बूँदें मिलाकर पी सकते हैं।

एक्यूप्रेशर या हाथों द्वारा मालिश करें
अपने माथे (फ्रंटल साइनस) के ऊपर और नाससेतु और आँखों के पीछे की ओर (ऑर्बिटल साइनस) के साथ-साथ आँखों के अंदर (मैक्सीलरी साइनस) में अपनी तर्जनी और मध्यमा अँगुलियों से गोलकार घुमाते हुए हल्का दबाव डालें ऐसा थोड़ी देर तक करते रहें और इसके तुरंत बाद नाक साफ करें आप कुछ ऑयल्स का उपयोग भी कर सकते हैं जैसे रोजमेरी या पेपरमिंट जिनसे मालिश करके आप साइनस पैसेज को खोल सकते हैं  परन्तु, इन ऑयल्स को आँखों में न जाने दें

भांप लें
एक लीटर के पात्र को पानी से भरें । स्टोव पर पानी को एक या दो मिनट के लिए भाप बनने तक उबालें । अब पात्र को आंच से हटा लें और एक टेबल पर रखें । सिर और भाप लेने वाले पात्र को ऊपर से एक बड़ी, साफ तौलीय से ढंकें। अपनी आँखें बंद करें और अपने चेहरे को पानी से कम से कम 12 इंच दूर रखें जिससे आप जल न पायें। अपनी नाक से सांस भरें और पांच गिनने तक मुंह से छोड़ें । अब दो गिनने तक सांस भरना और छोड़ना कम करते जाएँ । पानी में से भाप निकलने तक 10 मिनट तक इसे दोहराएँ । इस उपचार के दौरान और बाद में अपनी नाक साफ करते रहें।

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