नेट सर्फिंग ,आनलाइन गेंमिंग और चैटिंग जैसी गतिविधियों जैसे जैसे लोकप्रिय होती जा रही है,वैसे वेब तक पहुंचन ेवाले बच्चों की संख्या भी बढ़ गई है। कंप्यूटर्स तक आसान पहुंच ने इसमें मत्वपूर्ण भूमिका अदा की है,हालांकि इस आसान पहुंच और तकनिकी ज्ञान के साथ कुछ जिम्मेदारियां भी जुड़ी हैं-
आपकी क्या जिम्मेदारियां है?
सावधान रहने के असंख्य कारण है, लेकिन अपनी आॅनलाइन गोपियनता और सुरक्षा का े कायम रखने के लिए युक्तियों और तरकीबों की भी उतनी ही लंबी सूची है ,लेकिन उनमें सबसे महत्वपूर्ण है-सावधान रहे-यदि किसी चैटरूम या फोरम का कोई सदस्य आपका ध्यान चाहता है या मित्रता करना चाहता है,तो अपने अभिभावको या वरिश्ठजनों को यह बात बताएं।
नजर रखे-किसी आॅनलाइन परिचित से जिस समय आप असुविधा महसूस करें ,तो उससे वार्तालाप बंद कर दे,ऐसे अजनबियों से किए गए वार्तालाप को हमेषा सहेजे।
सजग रहे-अपना टेलीफोन नंबर न दे और व्यक्गित रूप से किसी भी चैत मित्र से न मिले।
सायबर बदमाष
सायबर बदमाष व्यक्तिगत वेबसाइटों,संदेष बोर्ड या ब्लाॅग्स में दूसरों के बारे में षत्रुतापूर्ण पोस्ट करते है वे ई मेल,त्वरित संदेष ,चैट और यहां तक कि एस एम एस के माध्यम से हानिकारक संदेष भेजते है,सायबर बदमाष आपके बच्चों और अन्य लोगों के बारे में अनुपयुक्त और गलत जानकारी भी पोस्ट कर सकते है।
किषोर इन साइबर बदमाषों के आसान षिकार हो सकते है ,सायबर बदमाष अनाम पहचान धारण किए होते है और आमतौर पर उन बच्चों को निषाना बनाते है जो समाज में अस्वीकार्य समझे जाते है रंगभेद,धर्म या अन्य ऐसे आधार पर। कुछ इस तरह के किषोर जो सायबर बदमाषी के षिकार होते हैं जिनमे स्वाभिमान में कमी,कुंठा और क्रोध से पीड़ित होते हैं उनकी पढ़ाई में रूचि समाप्त हो जाती है और वे अपने पढ़ाइै में बुरी तरह पिछड़ जाते हैं,कुछ तो स्कूल बीच में ही छोड़ देते है।अत्याधिक सायबर बदमाषी आगे हिंसक व्यवहार या आत्महत्या का कारण बन सकती है।
भल े ही बच्चों को असामान्य घटनाओं के बारे में अभिभावकों को बताते के लिए कहा जाता है,सायबर बदमाषी के षिकार लोगों में से अधिकांष अपने अभिभावको को सायबर बदमाषी के बो में भावनात्मक कश्ट,प्रतिषोध के भय,या आॅनलाइन पहुंच या सेलफोन का उपयोग रोके जाने की आषंका से नहीं बताते।
सायबर बदमाषी के प्रकार
सायबर बदमाषी में निम्न गतिविधियां षामिल है-
आॅनलाइन लड़ाइयां जहां वेब साइट्स,फोरम या ब्लाॅग्स पर निंदापूर्ण और अक्रामक संदेष पोस्ट किए जाते है।
आक्रामक कठोर और अपमानित करने वाले संदेष बार बार भेजना ,जिसमेें धमकियां भी षामिल हो सकती है।
किसी व्यक्ति कह प्रतिष्ठा को और मित्रों ,परिवार और परिचितों से संबंध को नुकसान पहुंचाने के लिए क्रुरतापूर्ण बातें पोस्ट करना या भेजना।
किसी व्यक्ति के ई-मेल या अन्य आॅनलाइन खाते को तोड़ना और ऐसे संदेष भेजना जो उस व्यक्ति की परेषानी का कारण बन जाए या उसकी प्रतिषठा को हानि पहुंचाए और दूसरों के साथ उसके संबंधों को प्रभावित करें।
नेट पर धमकाने हिंसक व्यवहार को परिलक्षित करने,सावधानी प्रवृतियां करने पर टिप्पणियां।
अपने बच्चे की सुरक्षा करना
धमकी देने वाले हमेषा निषाने की तलाष में रहते है,इसलिए धमकाने वालों से चतुराई से निपटना श्रेश्ठ है अपने बच्चों का े सायबर धमकी देने वालों से निपटने के लिए षिक्षित करना और अवगत कराना प्रथम चरण है उसके अतिरिक्त बच्चो से समस्या पर बात करें,यदि बच्चे सायबर बदमाषी का निषाना है या वे दूसरों के साथ ऐसा होने के गवाह है,तो उनसे पूछे समझाएं कि भले ही बदमाषी करने वाले षक्तिषाली से लगते है,किंतु वास्तव में उनमें कमजोरी और असुरक्षा होती है,जो उन्हे दूसरों को नीचा दिखाने और बदनाम करने के लिए बाध्य करती है। साथ ही आष्वस्त कराएं,कि अभिभावक उनकी मदद करने के लिए उनके साथ है।
क्या आपका बच्चा सायबर बदमाषी का षिकार है?तो-
वार्तालाप में बच्चे को सायबर बदमाषी के बारे में बताते का प्रयास करे।
ज बवह आॅनलाइन कार्य कर रहा या रही हो,तो बारीकी से ध्यान रखे।
आक्रामण की अवहेलना करते हुए,बच्चे को आत्म विष्वासी तरीके से सायबर कटाक्षों का उतर देने के लिए प्रोत्साहित करें।
यदि सायबर धमकी जारी रहे,तो बच्चे से देखी जा रही वेब साइटस,चैट रूम या आॅनलाइन समुदायों वे बारे में फिर से मूल्यांकन के लिए कहे।
नैतिक व्यवहार,आचरणों और मूल्यों के बारे में चर्चाए करे।
अगर आपका बच्चा साइबर बदमाष है?तो-
यदि आपका बच्चा सायबर धमकी में सलंग्न है तो उसे बताएं कि कठोर कदम उठाएं जाएंगे और उसकी इंटरनेट और सेल फोन पहुंच को संभवतःप्रतिबंधित कर दिया जाएगा।
इस व्यवहार के मूल कारण में जाने का प्रयास करें।
उसे समझाए कि यदि ऐसा व्यवहार तुम्हारे सबसे अच्छे मित्र करेगे तो तुम्हे कैसा लगेगाा?
सभी लोग जो तुम पर विष्वास करते है तुम्हारे बारे में क्या सोचेगे?
यदि तुम घर और स्कूल में बदमाष माने जाओगे तो क्या ये तुम्हे अच्छा लगेगा?
No comments:
Post a Comment