Tuesday, October 10, 2017

होमवर्क नोट डन.....





रोज वहीं डायरी में लिखा आना होमवर्क नोट डन...आरूष का होमवर्क कभी कम्प्लीट नहीं हो पाता। घर ,आॅफिस और आरूष की स्टीडी सभी को मैनेज करना बेहद मुष्किल हो गया है। आज ज्यादातर वर्किंग प्रेटेंस को इन प्रोब्लमस का सामना करना पड़ता है। लेकिन ऐसे में जरूरी है कि आप बच्चे की आदतों पर ध्यान दें उसे दिलचस्पी लेते हुए अपना होमवर्क पूरा करना सिखा सकते हैं जिससे वे स्कूल में अच्छा प्रदर्षन दे सके। आईए जाने कैसे-

पोजिटिव रवैया
हमेषा ध्यान रहे कि बच्चे के साथ पोजिटिव रवैया अपनाए उसे हमेषा होमवर्क अपने आप पूरा करने के लिए प्रेरित करें। ज्यादातर देखने में आता है कि प्रेरेंटस को लगता है कि बच्चा होमवर्क नहीं कर पाएगा। बल्कि आप बच्चे के साथ पोजिटिव रवैया अपनाकर साथ ही उसकी हेल्प करके होमवर्क कम्प्लीट करवाए।
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इंटरनेट से जानकारी इकट्ठी करें
यदि आप चाहती है कि आपका बच्चो स्कूल में अच्छा प्रदर्षन करे तो उसका स्टीडी से मिलती जुलती जानकारी इंटरनेट से एकत्रित करे। साथ ही पढ़ाई और उसके लेवल को देखते हुए  प्रेक्टिस वर्कषीट उसे दे। कई बार स्टीडी से रिलेटिड बहुत सी प्रोब्लमस होती है तो इंटरनेट से आपको काफी मदद मिल सकेगी। 

सही जगह सुनिष्चित करे ं
कई बार देखने में आता है कि बच्चे के होमवर्क करने की जगह कोई सुनिष्चित नहीं होती वे कही पर भी बेडरूम हो या ड्ाइंगरूम होमवर्क बैठ जाते है साथ ही पेरेंटस टीवी देखते देखते होमवर्क कराते है। जिससे बच्चे का ध्यान भटकता है लेकिन पेरंेटस की गलती होते हुए वो बच्चे को डांटते है। ऐसे में जरूरी है कि एकांत षांत माहौल का होना। बच्चे को होमवर्क कराते हुए पूरा ध्यान दें तभी उसे होमवर्क करने में दिलचस्पी होगी और वो कम समय में बेहतर कार्य कर पाएगा। 

टाइम मैनेजमेंट
वर्कि्रग पेरेंटस के लिए जरूरी है कि वो बच्चे का टाइम टेबल मैनेज करे। आप छोटी उम्र से ही उसमें समय के अकोर्डिंग काम करने की आदत डाले। जिससे बच्चा होमवर्क के समय खेलने या टीवी देखने की नही सोचेेगा। और यदि ऐसे में होमवर्क नहीं भी मिला है तो उसे किताबेें पढ़ने या कुछ याद करने के लिए प्रेरित करे जिससे वो उस समय को पढ़ाई करने मे ही लगाए। 

ब्रेक देकर
हमेषा उसकी पढाई को लेकर बहुत ज्यादा कांषियस नहीं रहे क्योंकि हर प्रोब्लम का सोल्युषन होता है। वर्किंग पेरेंटस आॅफिस से आकर थोड़ा ब्रेक ले और भी बच्चे से स्कूल और होमवर्क के बारे में बातचीत करे। अक्सर देखा जाता है कि पेरेंटस आॅफिस की चिड़चिड़ाहट बच्चे के होमवर्क पर उतार देते है जिससे बच्चे का मन पढ़ाई से उब जाता है। बच्चे को होमवर्क को समझाकर सही से करने के लिए प्रेरित करें जिससे बच्चे का मन होमवर्क करने में लगेगा। 

रोल मॉडल बनें 
जब बच्चा होमवर्क कर रहा हो तो आप खाली न बैठे। कोई न कोई पेपरवर्क करें। ऑफिस या प्रोजेक्ट का कोई काम, बिल पे करने के लिए चेक लिखना, लेटर ड्राफ्ट करना आदि। बच्चे बडों का अनुकरण करते हैं, इससे बच्चों को ये मैसेज जाएगा कि बडें होने पर भी होमवर्क होता है और वह आपके बिना कहे ही होमवर्क पर ध्यान देगा। 

स्टडी टेबल हो खास
आज मार्केट में स्टडी टेबल की ढेरो वैरायिटी है आप इसे ऐसी जगह पर रखे जहां पूरी रोषनी हो साथ ही षांत माहौल हो। स्टडी टेबल अर्टेक्टिव कलर्स और डिजाइन में होने से बच्चों को उस पर होमवर्क करने में बेहद मजा आता है। साथ ही उस पर अच्छा-सा पेनस्टैंड रखें, जिसमें डेकोरेटिव पेंसिल, इरेजर व स्केल हो।

पेरेंटस का होमवर्क करना
बच्चा जब स्टडी कर रहा हो तो जरूरी है कि आप उसे स्वयं ही प्रष्न के उतर लिखने दे। क्योंकि इससे वो सेल्फ स्टडी करना सिखेगा। क्योंकि यदि बच्चा आप पर निर्भर हो जाएगा तो इससे आगे चलकर आपको ही प्रोब्लम होगी। यदि उन्हें एक बार रेडीमेड जवाब की आदत लग गई तो वे खुद भी कभी कोशिश नहीं करेंगे। साथ ही देखा जाता है कि क्लास में प्रफेक्ट प्रफोमेंस या टीचर की नजरों में अच्छी छवि के लिए स्वयं ही बच्चे का होमवर्क कर देते है जिससे बच्चे नींव कमजोर पड़ती जाती है। 

डिफिकल्टीज नोट करवाएं
यदि आप चाहती है कि आपका बच्चा पढ़ाई में आगे रहे और टाइम टू टाइम अपना होमवर्क करे तो जरूरी है कि आप उसे डिफिकल्टी नोट करने के लिए कहे। साथ ही उनको सोल्व करे या फिर टीचर से पूछने के लिए कहें। दूसरे दिन ध्यान से देंखें कि बच्चे ने पूछा है या नहीं। कई बार बच्चे संकोच या डर से अपनी डिफिकल्टी पूछ नहीं पाते। ऐसी स्थिति में आप स्वयं टीचर से मिलकर बच्चे की डिफिकल्टी सॉल्व करें। सब कुछ बच्चे पर न छोडें।



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