सर्दियां षुरू हुई नही कि गला खराब,दर्द और सूजन आपको परेषान करना षुरू कर देती है। गले में कफ इस कदर जम जाता है कि आपको दर्द के साथ बोलने में भी परेषानी होती है। इसके साथ ही कुछ भी खाने में असमर्थ हो जाते है। षरीर में बेचैनी और घबराहट होने लगती है। ऐसे में आपको लगता है कि आप तुरंत सही हो जाए इसके लिए आप एंटी बायटिक दवाईयां लेने लगते है लेकिन यदि आप ध्यान दे तो नमक के गरारे से भी आप अपने गले को आराम दे सकते है।
आखिर क्यों खराब होता है गला
गला खराब होना या गले में खराश रहना बेहद आम बात है। यह समस्या सभी को कभी न कभी होती है इसके पीछे कई कारण हो सकते है जैसे की बदलता मौसम, प्रदूषित हवा, गलत खान-पान, अधिक ठंडे पदार्थ खाना-पीना या फिर किसी बीमार व्यक्ति के सम्पर्क में रहने से भी यह समस्या पैदा हो सकती है। हमारी श्वास नली व ग्रास नली के अंदर?एक लसलसा पदार्थ हमेशा स्रावित होता रहता है। यह नलियों में से गुजरने वाले पदार्थों के आवागमन को सुगम बना देता है।साथ ही उसमें कुछ ऐसी प्रतिरक्षात्मक कोशिकाएँ भी होती हैं, जो गले में से गुजरने वाले पदार्थों को भाँपकर नुकसानदेह पदार्थों को नष्ट करने में जुट जाती हैं।इस कारण यह पदार्थ धीरे-धीरे गाढ़ा होता जाता है।इसमें मृत कोशिकाएँ, रोगाणु तथा नुकसानदेह पदार्थ काफी मात्रा में भर जाते है। गाढ़ी अवस्था में हम इसे कफ कहते हैं। यह अगर गले में जम जाए तो गला खराब हो जाता है।
नमक के गरारे
गला खराब हो या गले में दर्द या खराष होने पर नमक के गरारे करने से
को बेहद आराम मिलता है। इससे गले के भीतर की सूजन कम होती है बल्कि मांसपेषियां को भी आराम मिलता है। साथ ही गले में पनप रहे बैक्टिरिया को दूर कर जमा हो रहे गाढ़े कफ को पतला कर काफी मात्रा में ठोस पदार्थों को गले से बाहर निकालने में मदद करता है। नमक का सांद्र घोल गले की परत पर चढ़ाई हुई कई रोगाणुओं के लिए काफी खतरनाक है। इसके प्रभाव से रोगाणु मर भी जाते हैं। इसलिए नमक के घोल से गरारे करने को कहा जाता है।
गले से सम्बन्धित और बिमारियों के लिए
अक्सर हम गले खराब में तो नमक के गरारे करते है लेकिन गले या मुंह से सम्बन्धित और भी कई बिमारियों के लिए नमक के गरारे फायदेमंद साबित होता है। गले में छाले हों, म्युकस मेम्ब्रेन सूजी हुई और संक्रमित हो तो इससे गले में खुरदुरापन और दर्द की अनुभूति होती है नमक म्युकस मेम्ब्रेन की कोशिकाओं से पानी को खीँच लेता है जिससे सूजन कम हो जाती है और गला बेहतर अनुभव होता है
-निष्प्रभाव और सफाई
नमक के गरारे अमलीय प्रभाव और कफ को निष्प्रभाव बनाता है। जिससे गले की किसी भी समस्या को दूर किया जा सकता है।
-ब्लड सर्कुलेषन
गला खराब होने पर कीटाणु की संख्या हमारे गले काफी अधिक बढ़ जाती है ऐसे में ब्लड सर्कुलेषन भी सही प्रकार से नहीं हो पाता। नमक के गरारे करने पर नमक गले में पनप रहे कीटाणुओं को नष्ट कर ब्लड सर्कुलेषन बढ़ाता है।
-पी एच की समानता
जब हमारा गला खराब नहीं होता है तब हमारा पी एच लेवल सामान्य होता है लेकिन गले के खराब होने से यह स्थिति काफी गम्भीर बन जाती है। ऐसे में नमक के गरारे कीटाणु संक्रमण को दूर कर पी एच लेवल स्थिर बनाता है।
-नसिका सम्बन्धित बिमारियां
जब हमारा गला खराब होता है तो उससे कई बार हमें एलर्जी और साईनस की परेषानी का सामना करना पड़ जाता है साथ ही नाक बंद और सिर दर्द हमें बेचैन कर देती है ऐसे में नमक के गरारे करे यह काफी मददगार साबित होगा और आपको काफी राहत मिलेगी।
-दांत सम्बन्धित
अक्सर जब भी आपको दांतों सम्बन्धित कोई भी बिमारी होती है तो डाॅक्टर आपको नमक के गरारे या कुल्ले करने के लिए बोलते है। नमक के गरारे आपके दांतों और मसूढ़ो को स्वस्थ बनाते है साथ ही मुंह से आने वाली बदबू को भी दूर करता है।
टोन्सिलाइटिस दर्द में राहत
अगर आपको टोन्सिलाइटिस की वजह से गले में दर्द है तो आपको नमक के पानी का गरारा जरूर करना चाहिए। इससे गले की सूजन कम होती है और दर्द में आराम मिलता है। ये डीहाइड्रेशन के कारण हुई बैक्टीरियल ग्रोथ को भी कम करते हैं।
नमक के गरारे करते समय
सहन कर सकने योग्य एक गिलास गरम पानी में एक चम्मच नमक डालकर इस पानी से गरारे करना चाहिए। ध्यान रखें घर में लगे फिल्टर के पानी का ही इस्तेमाल करे। नमक के पानी में कुछ और भी चीजे इस्तेमाल करके उसे लाभदायक बना सकते है। साथ ही अक्सर देखने में आता है कि बच्चों और बुजुर्गों को नमक का स्वाद अच्छा नहीं लगता है ऐसे में आप कुछ और चीजों का इस्तेमाल कर उसका स्वाद अलग बना सकते है
-इसमें आप दो बूंदे लहुसन के तेल की मिलाकर इस्तेमाल में ला सकते है जिससे इसका स्वाद अलग होने के साथ लहुसन कीटाणु विरोधी होने के कारण गले को और भी अधिक फायदा पहुचाएगा
-इसके अलावा पूदीने के तेल की दो बूंदे जो खुषबू बढ़ाने के साथ गले में ठंडक भी देगा।
-एक चम्मच षहद नमक के पानी में मिलाने से स्वाद को बदलने के साथ गले में तरावट ला देगा।
-आधे नींबू का रस नमक के पानी में मिलाने से नींबू कीटाणु विरोधी होने से गले में पनप रहे कीटाणुओं का खात्मा कर देता है साथ ही आपकी सांसों को ताजा बनाता है।
-अगर नमक के पानी में एक बड़ी चम्मच सेब का सिरका मिला लिया जाए तो वह कीटाणुओं को खत्म करके गले को साफ कर कर देता है। जिससे गले की परेषानियों से निजात मिलती है।
-फिटकरी का एक बारी नमक के साथ या तो खाने का सोडा दो चुटकी मिलाकर गरारे करने से भी आराम मिलता है।
-नमक के साथ या तो खाने का सोडा दो चुटकी मिलाकर गरारे करने से भी आराम मिलता है।
- याद रखें गरारे करने के बाद आपको पानी उगलना है, निगलना नहीं। साथ ही नमक के पानी में साथ यदि आप इनमे कुछ भी इस्तेमाल मे लाना चाहते है तो एक समय एक ही चीज साथ में इस्तेमाल में लाए।
गरारे करने का सही तरीका
नमक के पानी से कुल्ला कर पानी बाहर न निकालें बल्कि गरारे करें अपना सर पीछे की ओर करें और पानी को गले के सूजे हुए पिछले भाग पर लगने दें पानी बाहर थूंकने से पहले लगभग 30 सेकंड तक गरारे करें। दिन में ज्यादा से ज्यादा 3 बार तक गरारे करें। अक्सर ज्यादा गरारे करने से म्युकस मेम्ब्रेन में रूखापन बढ़ जाता है जिससे दर्द बढ़ सकता है।
नमक के गरारे करने के नुकसान
कुछ चीजों में नमक फायदा देता है तो कुछ में नुकसान. यदि आपको हाई (ज्यादा) बीपी है तो नमक आपके लिए जहर है, और यदि बीपी लो (कम) है तो नमक आपके लिए फायदेमंद. लेकिन यदि आपका बीपी हाई रहता और आपका गला खराब हो गया है साथ ही आप नमक के गरारे करना चाहते है तो आप नमक की कम मात्रा ले। और ध्यान रखे कि पानी आपको बाहर निकालना है न कि अंदर लेना है।
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