एक्जाम के षुरू होते ही स्टूडेंटस स्टडी के लिए काफी सिरियस हो जाते है। ऐसे में घंटो स्टूडेंटस पढ़ाई करते रहते है। देर रात तक व सुबह जल्दी उठकर घंटो पढ़ाई करते रहते है। लेकिन पढ़ाई के इस जुनून में वे अपने प्रॉपर तरीके से नहीं सो रहे हैं। डॉक्टर्स का कहना है कि प्रॉपर नींद न लेने से सेहत पर तो असर पड़ता ही है साथ ही परफोर्मेस भी खराब होती है। जरूरी है कि प्रोपर नींद लेना।
कम हो जाते हैं एनर्जी पॉकेट
पीडियाट्रिशियन डॉ.वरूण गुप्ता के मुताबिक हमारे शरीर में 8 एनर्जी पॉकेट (ईपी) होते हैं, जो शरीर को हमेशा एक्टिव रखते हैं। ये सभी ईपी प्रॉपर नींद लेने से रीजनरेट होते हैं। लगातार कम नींद लेने से ये ईपी जनरेट होना बंद हो जाते हैं। ऐसे में हमारे शरीर की एक्टिवनेस धीरे-धीरे कम हो जाती है। इसका सबसे ज्यादा असर दिमाग पर पड़ता है, जो बाद में स्ट्रेस या डिप्रेशन का रूप ले लेता है।
स्ट्ेस और डिप्र्रेषन
एक्जाम में जरूरी है कि भरपूर नींद लेना तभी आपका स्वास्थ्य सही रहेगा और एक्जाम भी सही होगा। परीक्षा के दिनों में स्ट्रेस और डिप्रेशन के केस आना आम बात हो गई है। तैयारियों के चलते बच्चे दिन में केवल 3 से 4 घंटे ही नींद लेते हैं, जो हानिकारक है। जब हम नींद कम लेते हैं तो शरीर में मौजूद एड्रीनलिन और कॉटिसॉल नामक कई हार्मोस डवलप नहीं हो पाते। इससे शारीरिक विकास में बाधा उत्पन्न होती है।
एक्जाम का डर हावी होना
मनोवैज्ञानिकों के अनुसार एक्जाम का टेंशन लेने वाले बच्चे अक्सर अच्छा स्कोर नहीं कर पाते। इसकी वजह दिमाग पर हावी होने वाला स्ट्रेस है। दरअसल परीक्षा की तैयारी में वे ऎसे जुटते हैं कि उनके सोने और खाने-पीने का कोई शेडयूल ही नहीं बन पाता। इससे उनकी फिजिकल और मेंटल एनर्जी कवर नहीं हो पाती। इससे धीरे-धीरे कॉन्फिडेंस लेवल कम हो जाता है और बच्चे के मन में एक्जाम का डर हावी होने लगता है।
कम नींद से समस्याएं
एसिडिटी, माइग्रेशन, पेट में परेशानी, हार्ट डिजीज, स्ट्रोक्स, हाई ब्लड प्रेशर, हाइपरटेंशन, ओबेसिटी
इनका रखें खयाल
सोने का समय निश्चित करें, सोने से पहले चाय, कॉफी का इस्तेमाल न करें, बैलेंस डाइट लें, पानी खूब लें, लगातार पढ़ाई न करते हुए टुकड़ों में करें, पढ़ाई के बीच टीवी, एक्सरसाइज या फिर छोटी-सी आउटिंग कर लें।
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