आमतौर पर वयस्कों की लाइफस्टाइल में पर्याप्त नींद मिलना भी एक लक्जरी बन गया है. वयस्कों को रोजाना 7 से 9 घंटे की नींद चाहिए. अगर आप लगातार कम नींद ले रहे हैं, तो आगे चलकर यह कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकता है.
मस्तिष्क को नुकसान
स्वीडन की उपसाला
यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं
ने पाया है
कि नींद से
मस्तिष्क की कोशिकाओं
को स्वस्थ रखने
में काफी मदद
मिलती है. अगर
ऐसा ना हो
तो दिमाग को
नुकसान पहुंचाने वाले अणु
काम में लग
जाते हैं. टेस्ट
में प्रयोग में
शामिल लोगों के
खून में इन
अणुओं की संख्या
में सिर्फ एक
रात ना सोने
की वजह से
ही करीब 20 प्रतिशत
बढ़ी हुई पाई
गई.
डिप्रेशन या अवसाद
दुनिया भर के
15 करोड़ लोग नींद
से जुड़ी बीमारियों
के शिकार हैं,
जबकि विकसित देशों
में 10 फीसदी लोग पूरी
नींद नहीं ले
पाते. साल 2007 में
10,000 लोगों पर हुई
रिसर्च बताती है कि
जो लोग कम
सोते हैं उनके
अवसाद में जाने
की संभावना आम
लोगों से पांच
गुना ज्यादा है
जल्दी मौत
अमेरिका के नेशनल
स्लीप फाउंडेशन की
सलाह है कि
वयस्क लोगों को
हर रात सात
से नौ घंटे
तक सोना चाहिए.
एक ताजा शोध
के अनुसार हर
रोज बीस मिनट
तक कसरत करने
से असामयिक मौत
का खतरा 16 से
30 प्रतिशत तक घट
जाता है. इसलिए
लंबा जीवन जीना
है तो हर
रात अच्छी नींद
लेना भी उसी
ओर एक कदम
है.
हृदय की समस्याएं
अमेरिका में 2012 में कार्डियोलोजी
सम्मेलन में प्रस्तुत
किए गए शोध
के नतीजों से
पता चला कि
दिल की समस्याओं
का खतरा भी
नींद से जुड़ा
है. इसमें शोधकर्ताओं
ने 3,000 से अधिक
लोगों के डाटा
का विश्लेषण किया.
पाया गया कि
पर्याप्त नींद ना
लेने वालों में
एनजाइना का खतरा
दोगुना और कोरोनरी
धमनी की बीमारी
का जोखिम 1.1 गुना
बढ़ जाता है.
कैंसर
कम सोने की
वजह से
ब्रेस्ट कैंसर
और अन्य
तरह के
कैंसर भी
हो सकते
हैं। कैंसर
पैदा करने
वाले फ्री
रैडिकल्स शरीर
से बाहर
निकलने में
असमर्थ हो
जाते हैं
और शरीर
में गंदगी
जमती रहती
है, जिससे
अन्य बीमारियां
पैदा होती
हैं।
मोटापा
रिसर्च बताती है कि
एक रात जागने
के बाद ही
मेटाबोलिज्म में लगने
वाली ऊर्जा की
खपत में 5 से
20 फीसदी तक की
कमी आती है.
नींद ना मिले
तो अगली सुबह
ही ब्लड शुगर,
भूख नियंत्रित करने
वाले हार्मोन घ्रेलीन
और तनाव बढ़ाने
वाले हार्मोन कोर्टीसोल
की मात्रा बढ़ी
हुई पाई जाती
है. कई दूसरे
शोध दिखाते हैं
कि पांच घंटे
या उससे कम
सोने वालों में
वजन बढ़ना आम
है.
स्वीडन की उपसामोटापा
रिसर्च बताती है कि
एक रात जागने
के बाद ही
मेटाबोलिज्म में लगने
वाली ऊर्जा की
खपत में 5 से
20 फीसदी तक की
कमी आती है.
नींद ना मिले
तो अगली सुबह
ही ब्लड शुगर,
भूख नियंत्रित करने
वाले हार्मोन घ्रेलीन
और तनाव बढ़ाने
वाले हार्मोन कोर्टीसोल
की मात्रा बढ़ी
हुई पाई जाती
है. कई दूसरे
शोध दिखाते हैं
कि पांच घंटे
या उससे कम
सोने वालों में
वजन बढ़ना आम
है.ला यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने पाया है कि नींद से मस्तिष्क की कोशिकाओं को स्वस्थ रखने में काफी मदद मिलती है. अगर ऐसा ना हो तो दिमाग को नुकसान पहुंचाने वाले अणु काम में लग जाते हैं. टेस्ट में प्रयोग में शामिल लोगों के खून में इन अणुओं की संख्या में सिर्फ एक रात ना सो
मस्तिष्क को नुकसान
स्वीडन की उपसाला यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने पाया है कि नींद से मस्तिष्क की कोशिकाओं को स्वस्थ रखने में काफी मदद मिलती है. अगर ऐसा ना हो तो दिमाग को नुकसान पहुंचाने वाले अणु काम में लग जाते हैं. टेस्ट में प्रयोग में शामिल लोगों के खून में इन अणुओं की संख्या में सिर्फ एक रात ना सोने की वजह से ही करीब 20 प्रतिशत बढ़ी हुई पाई गई.ने की वजह से ही करीब 20 प्रतिशत बढ़ी हुई पाई गई.
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