Tuesday, October 24, 2017

कम सोने के खतरे



आमतौर पर वयस्कों की लाइफस्टाइल में पर्याप्त नींद मिलना भी एक लक्जरी बन गया है. वयस्कों को रोजाना 7 से 9 घंटे की नींद चाहिए. अगर आप लगातार कम नींद ले रहे हैं, तो आगे चलकर यह कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकता है.

मस्तिष्क को नुकसान
स्वीडन की उपसाला यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने पाया है कि नींद से मस्तिष्क की कोशिकाओं को स्वस्थ रखने में काफी मदद मिलती है. अगर ऐसा ना हो तो दिमाग को नुकसान पहुंचाने वाले अणु काम में लग जाते हैं. टेस्ट में प्रयोग में शामिल लोगों के खून में इन अणुओं की संख्या में सिर्फ एक रात ना सोने की वजह से ही करीब 20 प्रतिशत बढ़ी हुई पाई गई.

डिप्रेशन या अवसाद
दुनिया भर के 15 करोड़ लोग नींद से जुड़ी बीमारियों के शिकार हैं, जबकि विकसित देशों में 10 फीसदी लोग पूरी नींद नहीं ले पाते. साल 2007 में 10,000 लोगों पर हुई रिसर्च बताती है कि जो लोग कम सोते हैं उनके अवसाद में जाने की संभावना आम लोगों से पांच गुना ज्यादा है

जल्दी मौत
अमेरिका के नेशनल स्लीप फाउंडेशन की सलाह है कि वयस्क लोगों को हर रात सात से नौ घंटे तक सोना चाहिए. एक ताजा शोध के अनुसार हर रोज बीस मिनट तक कसरत करने से असामयिक मौत का खतरा 16 से 30 प्रतिशत तक घट जाता है. इसलिए लंबा जीवन जीना है तो हर रात अच्छी नींद लेना भी उसी ओर एक कदम है.

हृदय की समस्याएं
अमेरिका में 2012 में कार्डियोलोजी सम्मेलन में प्रस्तुत किए गए शोध के नतीजों से पता चला कि दिल की समस्याओं का खतरा भी नींद से जुड़ा है. इसमें शोधकर्ताओं ने 3,000 से अधिक लोगों के डाटा का विश्लेषण किया. पाया गया कि पर्याप्त नींद ना लेने वालों में एनजाइना का खतरा दोगुना और कोरोनरी धमनी की बीमारी का जोखिम 1.1 गुना बढ़ जाता है.

कैंसर
कम सोने की वजह से ब्रेस्ट कैंसर और अन्य तरह के कैंसर भी हो सकते हैं। कैंसर पैदा करने वाले फ्री रैडिकल्स शरीर से बाहर निकलने में असमर्थ हो जाते हैं और शरीर में गंदगी जमती रहती है, जिससे अन्य बीमारियां पैदा होती हैं।


मोटापा
रिसर्च बताती है कि एक रात जागने के बाद ही मेटाबोलिज्म में लगने वाली ऊर्जा की खपत में 5 से 20 फीसदी तक की कमी आती है. नींद ना मिले तो अगली सुबह ही ब्लड शुगर, भूख नियंत्रित करने वाले हार्मोन घ्रेलीन और तनाव बढ़ाने वाले हार्मोन कोर्टीसोल की मात्रा बढ़ी हुई पाई जाती है. कई दूसरे शोध दिखाते हैं कि पांच घंटे या उससे कम सोने वालों में वजन बढ़ना आम है.
स्वीडन की उपसामोटापा
रिसर्च बताती है कि एक रात जागने के बाद ही मेटाबोलिज्म में लगने वाली ऊर्जा की खपत में 5 से 20 फीसदी तक की कमी आती है. नींद ना मिले तो अगली सुबह ही ब्लड शुगर, भूख नियंत्रित करने वाले हार्मोन घ्रेलीन और तनाव बढ़ाने वाले हार्मोन कोर्टीसोल की मात्रा बढ़ी हुई पाई जाती है. कई दूसरे शोध दिखाते हैं कि पांच घंटे या उससे कम सोने वालों में वजन बढ़ना आम है.ला यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने पाया है कि नींद से मस्तिष्क की कोशिकाओं को स्वस्थ रखने में काफी मदद मिलती है. अगर ऐसा ना हो तो दिमाग को नुकसान पहुंचाने वाले अणु काम में लग जाते हैं. टेस्ट में प्रयोग में शामिल लोगों के खून में इन अणुओं की संख्या में सिर्फ एक रात ना सो

मस्तिष्क को नुकसान

स्वीडन की उपसाला यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने पाया है कि नींद से मस्तिष्क की कोशिकाओं को स्वस्थ रखने में काफी मदद मिलती है. अगर ऐसा ना हो तो दिमाग को नुकसान पहुंचाने वाले अणु काम में लग जाते हैं. टेस्ट में प्रयोग में शामिल लोगों के खून में इन अणुओं की संख्या में सिर्फ एक रात ना सोने की वजह से ही करीब 20 प्रतिशत बढ़ी हुई पाई गई.ने की वजह से ही करीब 20 प्रतिशत बढ़ी हुई पाई गई.

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