बहुत अधिक पैसा खर्च कर के कमरे में सजाया गया फर्नीचर,सजीली दीवारें,लाइटें भी कई बार बच्चों को वह सुकून नहीं दे पातीं,जो उन्हें मिलना चाहिए।इस का कारण यह हो सकता है कि कमरे की सजावट प्राकृतिक वातावरण और बच्चों के मूड व रूचि के अनुरूप न हो।
इस संबंध में 30 वर्षीय अध्यापिका अनीता का कहना है,‘‘हम ने अपना घर बनवाते समय इस बात का विषेष ध्यान रखा कि घर के अन्य कमरों की ही तरह बच्चों का कमरा भी उतना ही सुंदर हेा ताकि वे खुद को कमरे में तरोताजा व खुष पाएं।इस के लिए हम ने इंटीरियर डिजाइनर की मदद ली।यानी बच्चों का कमरा उन की जरूरतों को ध्यान में रख कर तैयार कराया गया’’
इंटीरियर डेकोरेटर रोहिणी रौतेला ने बताया बच्चों के कमरे को सजाना कोई मजाक नहीं है।इसे सजाते समय बच्चों के ष्षरारतीपन,उन की पर्यावरण को जानने की ललक,चांदतारों,जानवरों,फूलों या अन्य किसी चीज को ध्यान में रखना बेंहद जरूरी है।अब बच्चों के कमरों को भी विषेष लुक देने की जागरूकता लोगों में आ रहीं है।अब केवल ड्ाइंगरूम ही क्लासी नहीं होता।घर के हर कोने के साथसाथ बच्चों का कमरा भी रचनात्मता से सजा होना चाहिए’’
बच्चों के कमरे का इंटीरियर करते समय निम्न बातो का ध्यान जयर रखें-
-अगर बच्चा समझदार है या उस की आयु इतनी है िकवह अपनी पसंद का रंग कमरे की दीवारों के लिए बता सके तो उस की जरूर सुने।
-कमरे की दीवारों के लिए पेस्टल,ब्राइट यानी सोबर रंग ही चुनें।रंग बच्चों की मानसिकता को बहुत प्रभावित करते है।
-बच्चों की पसंद के सामान से ही कमरा सजाएं।उन की पसंद के खिलौनों में स्टफड टायज,कारें तथा हस्तनिर्मित सामान को अधिक महत्व दें।अगर आप खुद या सिकी इंटीरियर डिजाइनर को कमरे को डेकोरेषन का जिम्मा सौंपते हैं तो कमरे के सामान की खरीदारी के समय बच्चे को साथ जरूर ले जाएं।
-कमरों में व्हाइटवाष के साथ चित्रात्मक वालपेपर या दीवारों पर जानवरों,सूर्य,चांद,तारों के मोटिफ,वर्णमाला के अक्षर या फिर कोई प्राकृतिक पेंटिंग कराएं।
-कमरे की सजावट,दीवारों का रंग,पेंटिंग बच्चे को प्राकृति के नजदीक होने का आभास तो कराए ही उसे कोजी फीलिंग भी दें।
-कमरें में खिड़की या खिड़कियां जरूर हों ताकि सूर्य की रोषनी हर ओर पहुंच सके।यह बच्चों के ष्षारीरिक विकास में मदद करेगी।
-कमरे के परदे हलके मटीरियल व हलके रंगीन प्रिटेंड तथा फलोरल प्रिंट वाले ही लगाएं।
-बेड की चादर व पिलो भी कलरफुल ही बिछाएं।
-अलमारियों व कबर्ड पर सुंदर,रंगबिरंगे मोटिफ बनवाएं।
-बच्चों के कमरे में स्टडी टेबल,बुक्स रैक,कबर्ड इत्यादि की उचित सुविधा होनी चाहिएं।
-बच्चों के कमरे को सजाया जाने वाला सामान कांच व मिटटी का न हो।यानी उन्हे नुकसान पहुंचाने वाली कोई भ्ीा वस्तु वहां न रखें।
-बच्चों को यदि पेंटिंग आदि का ष्षौक है तो कमरे में कैनवस स्टैंड की व्यवस्था करे।
-कमरे का फर्नीचर आरामदायक हो व कहीं से भी नुकीला न हो।भारी तो बिल्कुल न हो।उन के लिए एअर फीलिंग सोफा आदि भी ले सकते है।
-कमरे का फर्ष भी आकर्षक होना चाहिए।
-कमरे को बच्चों की तसवीरों से भी सजा सकते है।
-बच्चो ंके लिए सोफा कम बेड लें जिसे वे आसानी से खोल और बंद कर सकें।
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