घर के इंटीरियर में कारपेटस काफी अट्रैक्टिव लुक देते है। और वैसे भी सर्दियों में तो ये सर्दी लगने से बचाते है और इनकी डिमांड काफी बढ़ जाती है। आप काॅरपेटस से यदि इंटीरियर में कुछ बदलाव चाहती है साथ ही वही बोरिंग सा सालों से बिछा कारपेट को बदलना चाहती है तो आज मार्केट में ढेरों वैरायिटियां है कारपेट की। जो आपके घर को एक स्टाइलिश और डिसेंट लुक देगा। यहां हम आपको कुछ कारपेटस की जानकारी दे रहे है जिनसे आप अपने घर को एक अलग लुक दे सकेंगी-
वूलन कारपेट
सर्दियों में वूलन कारपेट को काफी पसंद किया जाता हैै। क्योंकि इनसे गर्माहाट बनी रहती है। साथ ही काफी अट्ेक्टिव लगते है। ये कालीन प्योर वूल के होते है। यदि आप ट्डिशनल कालीन लेना चाहती है तो ये फूलों वाले और बेहद भारी होते है। लेकिन यदि आप लाइट वेट में वूलन कालीन चाहती है तो वे भी मार्केट में उपलब्ध है। इनकी खासियत है कि एक बार मन भरने के बाद आप इसे डाई करके दोबारा इस्तेमाल में ला सकती है।
सिंथेटिक कारपेट
यदि आप कुछ अलग कारपेटस चाहती है तो सिंथेटिक कारपेट ले आएं। ये आपके स्टेटस पर काफी असर डालेंगे। और इनकी काफी वैरायिटी मार्केट में उपलब्ध है। साथ ही ये आसानी से घर में धूल जाते है। लुक वाइज तो ये काफी सुंदर होते है साथ ही इनके पैटर्नस इतने अधिक अट्रैक्टिव है जो देखते ही बनते है।
सिल्क कारपेट
कारपेटस में सिल्क कारपेट काफी लाइट होते है। इनमे जिआॅमेट्किल डिजाइन काफी इन है। ये कलरफुल होने के साथ काफी डिजाइन्स में आपको मिल जाएंगे। आप अपने रूमस के अकोर्डिंग इन्हे अरेन्ज करे। साथ ही ये बेड की साइड में या सोफे के सेंटर में यूज होते है।
लेदर कारपेट
लेदर कारपेट काफी ट्ेन्ड में है। ये कलरफुल होने के साथ आपकी रेंज के अकोर्डिंग आपको मिल जाएंगे। ये मशीन से बनाए जाते है। साथ ही इनमे ंसिंथेटिक मटीरियल का प्रयोग किया जाता है। ये दिखने में बेहद अट्रैक्टिव लगते है।
कार्टून प्रिंट कारपेट
बच्चों के रूम को अधिक अट्रैक्टिव बनाने के लिए आजकल कार्टूनस का काफी यूज किया जाता है। कारपेटस में भी कार्टूनस का काफी यूज किया जा रहा है। फर्नीचर और कर्टेन से मैच करके इन कारपेटस का यूज किया जाता है।
अन्य कारपेट
कारपेटस में और भी वैरायिटियां हैं कारपेट में कोरिन्थिया बाथ रग,मिलेफेलयर मैट,मून गेज,फलग बाॅर्डर,माउस रग और सेवीलेड प्लेड कारपेटस भी मार्केट में उपलब्ध है। कोरिन्थिया बाथ रग का डिजाइन डायमंड पैटर्न पर आधारित होता है। ये धोने में तो आसान होते है,डिजाइन भी खूब आकर्षित करते है। मिलफलोर मैट का डिजाइन पूरी तरह बाॅटेनिकल थीम पर आधारित होता है। यह कालीन पूरी तरह काॅटन से बना होता है। यह तमाम कलर्स और शेप में मिल जाता है। यह इतना पतला होता है कि इसे दीवार,टेबल व दीवार पर पेेंटिग के तौर पर भी यूज किया जा सकता है। मून गेज कालीनों में ज्यादातर दो कलर यूज किए जाते है रेड और प्लम। इसके अलावा हाथ से बने हुए सिल्क वूल के काॅर्पेट,वूलन दारीज,काॅटन फलोर कवरिंगस भी काफी पसंद किए जाते है।
कारपेट की शोपिंग करते समय
-कारपेट का रंग आपके फर्नीचर या दीवारों के रंग से मेल खाता हो।
-कमरे के आकार व उपयोग के हिसाब से कारपेट का चयन करे। यदि कारपेट बच्चों के कमरे के लिए चुनना है तो उसका रंग थोड़ा गहरा हो ताकि वह जल्दी गंदा न हो।
-चैड़ी बॉर्डर वाले कारपेट का चयन करें क्योंकि वो कमरे में बिछाने के बाद खूबसूरत लगते हैं।
-कारपेट खरीदते समय उसमें मौजूद फाइबर की मात्रा पर अवश्य ध्यान दें।
-मेहरून, नेवी ब्लू, स्कीन आदि रंगों के कारपेट फर्श पर बिछाने के बाद सुंदर लगते हैं।
-कारपेट का टिकाऊपन जाँचने के लिए उसे गोल फोल्ड करके खोलें। यदि उसमें सिलवटे पड़ती हैं तो वह कारपेट अच्छा नहीं है।
- कारपेट ऐसी चीज है, जिसका उपयोग लंबे समय तक होता है। अत कारपेट के दाम से अधिक उसके टिकाऊपन पर ध्यान दें।
-कीमत व टिकाउपन के बारे में फैसला लेने से पहले दूसरे दुकानों में भी कीमत का जायजा लें। चूंकि कारपेट के मटेरियल में आसानी से अन्तर कर पाना मुश्किल होता है इसलिए आर्टिफिशियल और असल चीजों की पहचान के बारे में जानकारी पहले ही इकट्ठा कर लें।
-कारपेट के धागे के ऐंठन पर गौर करें। ये जितना ज्यादा कसा हुआ होगा रोएं निकलने की संभावना उतनी ही कम होगी। एक धागे में जितनी ज्यादा ऐंठन होगी रोंआ उतना घना होगा और ऐसे में पैर के निशान कम दिखेंगे।
कारपेटस की साफ सफाई
-कालीन को ज्यादा समय तक चलाने के लिए छह महीने में एक बार ड्ाईक्लीन जरूर कराएं।
-अगर आप ड्ाईक्लीनर के यहां कारपेट नहीं देना चाहती तो उन्हें घर पर बुलवाकर कालीन साफ करवा सकती है।
-अगर कालीन बड़ा है तो ड्ाईक्लिनिंग ही एकमात्र उपाय है। यदि घर में धोया जा सकता है तो वाशिंग मशीन में या किसी की मदद से साॅफट डिटर्जेंट से इसे धो सकती है।
-कारपेट को झाडू से साफ नहीं करें। इससे रोएं खराब हो जाते है। कारपेट ब्रश से ही साफ करें।
-महीने में एक बार कालीन बाहर निकाल कर झड़वा लें और धूप जरूर लगाएं।
-कालीन को लंबे समय तक चलाने एंव धूल मिटटी से बचाने के लिए कालीन पर ट्रांसपेरेंट
प्लास्टिक शीट बिछा सकती है।
-कारपेट पर खाने पीने की चीजे न गिरे। यदि कोई गीली चीज गिरती है तो उस हिस्से को सूखे कपड़े से धोकर और रीठा के पानी से साफ कर फौरन धूप मे रखें। इससे कालीन में कीड़ा नहीं लगेगा।
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