सेहतमंद शरीर के लिए
विटामिन्स की जरूरत होती है. विटामिन ई भी एक काफी सहरें अद्वितीय गुणों से भरपूर है.
विटामिन E जहाँ एक और एंटीऑक्सीडेंट के रूप में हमारी शरीर की कोशिकाओं की रक्षा करता
है, वहीं दूसरी और यह ऊर्जा का बहुत अच्छा स्त्रोत है। विटामिन ई हमारे शरीर की रोग
प्रति रोधक क्षमता को बनाए रखने और हमें अनेकों रोगों से बचाने में मददगार है।इसकी
कमी से शरीर में कई और दुष्प्रभाव देखने को मिलते हैं. गर्भवती महिलाओं की खुराक में
विटामिन ई की कमी से बच्चों में मानसिक कौशल संबंधी विकार व उपापचय में समस्या की संभावनाएं
पैदा हो सकती हैं. विटामिन ई झुर्रियों को रोकने में विटामिन ई लाभकारी है. विटामिन
ई यौगिकों के एक समूह का प्रतिनिधि है जिसमें टोकोट्रॉयनॉल और टोकोफेरॉल दोनों निहित
हैं। यह खून में लाल रक्त कोशिका (Red Blood Cell) को बनाने के काम आता है। शरीर के
अनेक अंगों को सामान्य रूप में बनाये रखने में मदद करता है जैसे कि मांसपेशियां व कोशिकाएँ।
यह शरीर को ऑक्सीजन के नुकसानदायक रूप से बचाता है, जिसे ऑक्सीजन रेडिकल्स (oxygen
radicals) कहते हैं। इस गुण को एंटीओक्सिडेंट (anti-oxidants) भी कहते है।
विटामिन ई की
कमी कैसे होती
है
कई लोग एक
लंबे समय तक
कम वसा वाला
खाना खाते हैं,
जिस कारण उन्हें विटामिन
ई की कमी
हो जाती है।
इस तरह की
डाइट से अन्य विटामिन
की कमी भी
हो सकती है।
इसके अलावा अगर
आपको एक तरह
के खाने से
विटामिन ई की
कमी नहीं है,
तो इसके पीछे
कई तरह की
बीमारियां जैसे क्रोह्न
(Crohn) या गैलब्लेडर डिसऑर्डर
(gallbladder disorders) भी हो सकती
हैं।
विटामिन ई कमी के
लक्षण
1) मांसपेशियों
में कमजोरी
इसकी कमी के
सबसे बड़े लक्षणों
में मायोपैथी और
मांसपेशियों में कमजोरी
है। विशेषज्ञों के
अनुसार मायोपैथी मसल्स फाइबर
का परिणाम है,
जो समय के
साथ कमजोर हो
जाते हैं। शरीर
में विटामिन ई
और सेलेनियम की
कमी से मायोपैथी
का मामला गंभीर
हो सकता है
और इससे लिपिड
पेरॉक्सीडेशन भी हो
सकता है।
2) नजर कमज़ोर हो जाती
है
विटामिन ई की
कमी से आंखों
का रेटिना और
उसका डिजेनरेशन पतला
हो सकता है।
डिजेनरेशन से आंखों
की अंदर परत
प्रभावित होती है।
इसके अलावा विटामिन
ई की कमी
से आपको धुंधला
दिखेगा और रात
के समय ठीक
से नहीं दिखेगा।
3) खून की कमी
खून में लाल
रक्त कोशिकाओं की
कमी के चलते
खून की कमी
हो जाती है।
रेड ब्लड सेल
के जरिए हीमोग्लोबिन
की मदद से
शरीर में अन्य
क्षेत्रों के लिए
ऑक्सीजन परिवहन में मदद
मिलती है। हेमोलिटिक
एनीमिया में लाल
रक्त कोशिकाएं आसामान्य
रूप से कम
हो जाती हैं,
जिससे विटामिन ई
की कमी हो
सकती है। विटामिन
ई की कमी
से जन्म के
समय बच्चे का
वजन कम हो
सकता है। विटामिन
ई की कमी
को पूरा करने
के लिए उन्हें
टोकोफेरोल ट्रीटमेंट दिया जा
सकता है।
4) तंत्रिका
संबंधी परेशानी
विटामिन ई की
कमी से सेंट्रल
नर्वस सिस्टम की
प्रक्रिया बाधित हो सकती
है। इसकी कमी
से आपके हाथ
और पैर का
विकार बिगड़ सकता
है, आप बीमार
महसूस करेंगे और
आप संतुलन खो
सकते हैं। विटामिन
ई में एंटीऑक्सीडेंट
गुण हैं, जो
ऑक्सिडेटिव तनाव के
कारण शरीर को
प्रभावित होने से
रोकते हैं।
विटामिन ई से होने वाले लाभ
विटामिन ई
त्वचा के लिए
बहुत ही फायदेमंद
माना गया है,
यह त्वचा से
मृत कोशिकाओ और
काले धब्बो को
निकालने का काम
करता है| इसके
साथ ही यह
स्किन को मुलायम
और गोरा भी
बनाता है।
मानसिक तनाव से
राहत
शरीर में विटामिन
ई की पर्याप्त मात्रा
होने पर व्यक्ति
को मानसिक समस्याएं कम
होती है, और
तनाव से भी
राहत मिलती है|
दरहसल कुछ शोधो
में यह बात
सामने आई है
की विटामिन ई
की कमी से
मानसिक समस्याएं
भी हो सकती
है।
कैंसर से बचाव
विटामिन ई कैंसर
जैसी खतरनाक बीमारियो
से लड़ने में
भी मददगार होता
है| कैंसर से
बचाव के लिए
वीट, ग्रेन्स, नट्स
और बीन्स का
सेवन लाभदायक माना
गया है| इन
आहारो में मौजूद
विटामिन ई आपको
ह्रदय रोग और
कैंसर जैसी बीमारी
से बचाने मे
मदद करते है|
लाल रक्त का
निर्माण
विटामिन ई रेड
ब्लड सेल्स यानि
लाल रक्त की
कोशिकाओ का निर्माण
करती है, यदि
गर्भवती महिलाये विटामिन ई
का सेवन ना
करे, तो इससे
उनके बच्चे को
एनीमिया होने का
खतरा रहता है|
-विटामिन
ई से होने
वाले अन्य लाभ
विटामिन ई एलर्जी
को रोकने में
मदद करता है।
इससे इम्यून सिस्टम मजबूत
होता है।
विटामिन ई शारारिक
क्षमता को बढ़ता
है।
विटामिन ई त्वचा
की परेशानिया के
लिए भी लाभकारी
होता है।
विटामिन ई हाई
ब्लड प्रेशर को
बढ़ने से भी
रोकता है।
विटामिन ई कैप्सूल (एवियन कैप्सूल)
शुद्ध विटामिन ई कैप्सूल बहुत काम का होता है। विटामिन ई कैप्सूल हीलिंग में मदद करता है और साथ ही त्वचा, नाखूनों और सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है। विटामिन ई एंटी ऑक्सीडेंट होता है जो उम्र के बढ़ने के असर को कम करता है। इसे रोजमर्रा के आहार में जरूर शामिल करना चाहिये। विटामिन ई कैप्सूल आसानी से बाजार में मिल जाता है। आप इसे तरल अथवा कैप्सूल के रूप में उपयोग कर सकते हैं।
-दाग-धब्बों को करे
दूर विटामिन ई
का एक कैप्सूल
लें और सूई
की मदद से
इसमें एक छेद
कर लें। अब
इसके अंदर का
सारा ऑयल निकाल
लें और अपने
प्रॉब्लम एरिया पर लगाएं।
ये एक सीरम
की तरह काम
करेगा और चेहरे
के डार्क स्पॉट्स
और दाग-धब्बे
को कम करेगा.
बेहतर रिजल्ट के
लिए इसे रातभर
ऐसे ही लगाकर
छोड़ दें। -. विटामिन-ई रुखी
त्वचा ठीक करें
त्वचा को प्राकृतिक
नमी प्रदान करने
के लिए विटामिन-ई बेहद
फायदेमंद है। इसके
अलावा यह त्वचा
में कोशिकाओं के
नवनिर्माण में भी
सहायक है। इसके
लिए 1/4 कप शिया
बटर में 2 चम्मच
विटामिन ई तेल,
- 2 चम्मच एलोवेरा जेल
और गुलाब के
तेल की 12 बूंदें
मिलाएं। अब इस
लोशन को दिन
में दो बार
लगाएं।
-विटामिन
ई से ठीक
करें स्ट्रेच मार्क्स
स्ट्रेच मार्क्स से छुटकारा
पाने के लिए
12 विटामिन ई कैप्सूल्स
का ऑयल और
1/2 कप कोकोआ बटर और
15 लोबान के तेल
को मिलाकर मिक्सचर
तैयार करें। इस
मिक्सचर को अपने
प्रॉब्लम एरिया पर लगाएं
और बस स्ट्रेच
मार्क्स को दूर
हो जाएंगे। 5
. सोरायसिस
और एक्जिमा के
लिए विटामिन ई
कैप्सूल सोरायसिस और एक्जिमा
जैसी गंभीर त्वचा
की समस्याओं का
भी विटामिन ई
के उपयोग से
ठीक किया जा
सकता है। बस
आपको उस जगह
पर विटामिन ई
तेल का तेल
लगाने की जरुरत
है।
-झुर्रियों
से दिलाए छुटकारा
जैसा कि आखों
के पास की
स्किन काफी पतली
और डेलिकेट होती
इसलिए वहां एजिंग
की निशानियां सबसे
पहले देखने को
मिलती है, इसलिए
हर आइ-क्रीम
में विटामिन ई
मौजूद होती है।
ये झुर्रियों से
छुटकारा दिलाने में असरदार
होती है। आप
चाहे तो विटामिन
ई का सीधे
तौर पर भी
इस्तेमाल कर सकती
हैं। इसके लिए
कटोरी में एक
विटामिन ई कैप्सूल
के अंदर का
ऑयल निकाल लें
और इसमें जैतून
के तेल के
5-6 बूंदे मिलाकर मिक्सचर तैयार
करें। सोने से
पहले इसे अपनी
आंखों के आस-पास की
स्किन पर लगाएं।
बस हो गया
आपका काम।
. विटामिन ई ठीक
करें हाइपर पिग्मेंटेशन
विटामिन ई से
हाइपर पिग्मेंटेशन ठीक
किया जाए सकता
है। इसके लिए
एक चम्मच कास्टर
आयल में 1-2 कैप्सूल
विटामिन ई ऑयल
मिलाएं। अब इसे
चहरे पर अच्छे
से मालिश करें
और रात भर
के लिए छोड़
दें। इसे एक
महीने तक लगाएं।
8
. खुश्क हाथों के लिए
विटामिन ई विटामिन
ई आपकी त्वचा
की सतह से
अशुद्धियों को दूर
करने में और
इसके तेल संतुलन
को बनाए रखने
में सक्षम है।
इसके लिए 2-3 विटामिन
ई कैप्सूल का
तेल निकाल लें
और उसमें एक
चम्मच नींबू का
रस और एक
चम्मच शहद मिलाएं।
अब इस मिश्रण
में पानी मिला
कर अपने हाथों
को 5 मिनट के
लिए इस मिश्रण
में रखें। फिर
अपने हाथों को
निकाल कर अच्छे
से पोछ लें।
फटे होठों
को कहें अलविदा
ड्राय और फटे
होंठों के लिए
अब आपको लिप
बाम के भरोसे
रहने की ज़रूरत
नहीं है। बस
एक विटामिन ई
कैप्सूल लें और
इसे काटकर इसके
अंदर मौजूद ऑयल
अपने होंठों पर
लगाएं और पाएं
सॉफ्ट लिप्स।
शरीर में विटामिन
E की कमी को
पूरा करने वाले
खाद्य पदार्थ-
हरी पत्तेदार सब्जियां- हरी
पत्ते दार सब्जियां
जैसे पालक, विटामिन
E के साथ-साथ
आयरन का अभी
अच्छा स्त्रोत है।
इसके अलावा, शलगम,
सरसों की पत्तियां
और शकरकंद में
भी भरपूर मात्रा
में विटामिन ई
पाया जाता है।
100 ग्राम पालक में
लगभग 2.1 मिलीग्राम विटामिन ई
होता है।
सूखे मेवे- खास तौर
पर बादाम, में
सबसे ज्यादा विटामिन
ई होता है।
100 ग्राम बादाम में 26.2 मिलीग्राम
विटामिन ई होता
है। इनके अलावा,
अखरोट, मुनक्के, किशमिश यह
सभी विटामिन ई
और आयरन के
सबसे बेहतर स्त्रोत
हैं।
सूरजमुखी के बीज-
सूरज मुखी के
बीजों को भून
कर इनका सेवन
विटामिन E की कमी
को बेहद तेजी
से दूर कर
सकता है। सूरजमुखी
के 100 ग्राम बीजों में
36.3मिलीग्राम तक विटामिन
होता है।
एवोकैडो- विटामिन E की कमी
वाले लोगों के
लिए एवोकैडो का
सेवन भी फायदेमंद
है। 100 ग्राम एवोकैडो में,
2.1 मिलीग्राम विटामिन ई पाया
जाता है।
मछली (रेनबो ट्राउट)- मछली
विटामिन ई का
बहुत अच्छा स्त्रोत
है खास तौर
पर, रेनबो ट्राउट
मछली। इस मछली
में 100 ग्राम में 2.8 मिलीग्राम
विटामिन ई मौजूद
होता है। इनके
अलावा, स्वोर्डफ़िश (10%), मछली (6%), स्मोक्ड सामन
(6%), और सामन (5%) के सेवन
से भी विटामिन
ई की कमी
को दूर किया
जा सकता है।
ब्रोकोली- ब्रोकोली हरी सब्ज़ियों
में पाए जाने
वाले सभी तत्वों
से भरपूर होने
के साथ-साथ,
विटामिन E का भी
अच्छा स्त्रोत होती
है। 100 ग्राम ब्रोकोली में,
1.5 मिलीग्राम विटामिन ई होता
है।
पीनट बटर- विटामिन
ई की कमी
वाले लोगों को
बटर का सेवन
जरूर करना चाहिए।
वहीं स्वास्थ्य के
मामले में पीनट
बतर और भी
बेहतर होता है।