Sunday, October 22, 2017

रस्सी कूदे स्वस्थ रहे



आॅफिस हो या घर आज ज्यादातर सभी कार्यो में षारीरिक मेहनत खत्म सी हो गई है। जिसके कारण मोटापा बढ़ता जा रहा है और बिमारियां बढ़ रही है सो अलग। समय न होने के कारण आप कहीं भी वर्कआउट के लिए जाने में असमर्थ सा महसूस करते है। मोटापा,षरीर में थकान,दर्द आदि चीजों से बचने के लिए जरूरी है कि आप कोई भी एक वर्कआउट चुन ले जैसे की रस्सा कूदना। कहने में तो रस्सा कूदना आपको बड़ा छोटा सा व्यायाम नजर आता होगा लेकिन इस छोटे से व्यायाम के ढेरो फायदे आईए हम उन्हे आपको बताते है-

रस्सा कूदना
व्यायाम करते समय पसीना निकला स्वाभाविक है लेकिन जब ये पसीना काफी ज्यादा मात्रा में निकले तो और भी फायदेमंद रहता है। हम कोई भी व्यायाम करते है उसमे पसीना निकलता है लेकिन जब हम रस्सा कूदते है तो काफी तेजी से पसीना निकलता है यह सेहत की दृष्टि से काफी फायदेमंद है क्योंकि इससे षरीर के अनावष्यक तत्व बाहर आ जाते है। रस्सी कूदने के लिए 15 मिनट का समय भी बहुत है, वहीं इस व्यायाम को करने के लिए कहीं बाहर जाने की जरूरत नहीं। घर के किसी खुले कोने में यह किया जा सकता है और उपकरण के रूप में सिर्फ आपको चाहिए रस्सी।

हृदय सम्बंधी लाभ
रस्सी कूदने से हमारे हृदय तंत्र को बेहद लाभ पहुंचता है। हृदय तेजी से धड़कता है जिसकेे फलस्वरूप आक्सीजन अधिक मात्रा में फेफड़ों में पहुंचती है जिससे पूरे षरीर में रक्त का संचार तीव्र गति से होता है। इससे षरीर स्वस्थ रहता है और हमारी कार्यक्षमता भी काफी बढ़ जाती है।

मजबूत बनते है हाथ
रस्सी कूदने से हमारी मांसपेषियां खिंचती है साथ ही हाथों का ये अच्छा व्यायाम है। इससे आपके हाथ मजबूत बनतें है। हाथों को लाभ मिलता ही है उसके साथ कंधे भी मजबूत बनते है उनमें ताकत आ जाती है। कंधों में दर्द सम्बन्धी बिमारियों से आपको छुटकारा मिलता है। जब आप रस्सी कूदते हैं तब आपके दोनों हाथों की कलाईयां भी घूमती हैं। एैसे में आपकी कलाईयां मजबूत बनती हैं। जिससे कलाईयों व उंगलियों की अकड़न भी ठीक हो जाती है।

कद बढ़ाने के लिए
बच्चों में यदि आप कद को लेकर परेषान है तो उनको षुरू से ही रस्सा कूदने की आदत डलवाएं इसको नियमित रूप से करने से कद बढ़ता है। ये बच्चों के बढ़ते षारीरिक विकास के लिए लाभदायक व्यायाम है।

मोटापा कम करने के लिए
यदि आप मोटापे से परेषान है तो आप इस व्यायाम को बिना कुछ सोचे समझे कर सकते है क्योंकि जब आप रस्सी कूदते है तब आपका पूरा षरीर गति में रहता हैं जिससे आपके षरीर में अतिरिक्त फैट घटती है। और षरीर को एक षेप मिलती है जिससे आप फिट नजर आते है।

पैरों के लिए
इससे आपके घुटनों और एड़ियों के दर्द से राहत मिलती है। साथ ही वे मजबूत बनते है। लेकिन यदि आपको दर्द की परेषानी है तो आप आरम्भ धीरे धीरे कूदे। लेकिन कुछ समय बाद आप महसूस करेंगे कि आपका दर्द खत्म होता जा रहा है।

रस्सी कूदते समय ध्यान दें कुछ बातें।
-अगर पार्क में रस्सी कूदें तो आप इस व्यायाम का दुगुना लाभ उठा सकते हैं। प्रकृति के समीप रहकर व्यक्ति अधिक अच्छा महसूस करता है व उसे शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य लाभ मिलता है। वह प्रसन्नचित महसूस करता है।
-रस्से हमेशा खाली पेट कूदें। सुबह रस्सी कूदना सबसे अधिक लाभप्रद है।
-वस्त्र चाहे जो भी पहनें पर वे खुले व आरामदेह होने चाहिए।
-रस्सी कूदने से पहले हल्के व्यायाम कर लें ताकि मांसपेशियों से कसाब कम हो जाए व उनको नुकसान न पहुंचे।
-बहुत ऊंचा कूदने की जरूरत नहीं। इससे आप गिर भी सकते हैं। रस्सी कूदने की गति भी धीमी रखें।
-शुरूआत में थोड़ा रस्सी कूदें, फिर धीरे-धीरे गति व सीमा बढ़ाएं। अगर पहली बार ही में आप अधिक लक्ष्य रखेंगे तो थकान अधिक होने पर पुनरूप से आप इस व्यायाम को नियमित नहीं कर पाएंगे।
-रस्सी कूदने के तुरंत पश्चात न तो कुछ खाएं और न ही पानी पिएं। 15-20 मिनट पश्चात् ही कुछ खाएं या पिएं।
- रस्सी कूदने का सही तरीका भी सीख लें।
-रस्सी कूदते समय लोग अपनी बाजुओं को अधिक घुमाते हैं जबकि इसमें कलाई को अधिक घुमाना चाहिए।
-रस्सी कूदते समय कमर सीधी होनी चाहिए। रस्सी को नहीं बल्कि सामने रखें। घूटने बिल्कुल सीधे हों लेकिन एक दूसरे से सटे हुए नहीं। आपने पंजे के अगले हिस्सों के बल पर कूदना है।

रस्सी कूदने के अलग अलग ढंग

बेसिक
ये रस्से कूदने का तरीका हम सभी जानते है ये सिंपल तरीके से ही कूदा जाता है।  बड़ी उम्र के लोगों को तो इसी को कूदने में रूचि होती है। क्योंकि ये सिंपल तरीके से कूदने से आपको गिरने का भी डर नहीं रहता है।
बैक्वर्ड
इसमें रस्से से पिछे की ओर कूदा जाता है रस्से को सिर के उपर से पिछे से एड़ियों से निकालते हुए कूदा जाता है। ये भी काफी सरल है लेकिन पिछे की ओर करने से थोड़ा अलग हो जाता है साथ ही पैरो और हाथों पर जोर पड़ने से आपको और भी लाभ पहुंचता है।

क्राॅस स्टेप
इसमें पैरों को क्राॅस करते हुए कूदना हेाता है। क्योंकि एक ही तरह का व्यायाम करते हुए हम थोड़े उब जाते है तो आप इसमे भी इस तरह के स्टेपस करके इसका मजा ले सकते है। और बच्चे इसमें बेहद मजा लेते है। साथ ही इसमें क्राॅस हुए पैरो को आप रूक कर चेंज भी कर सकते है। 

सिजर्ज
इसमें कूदते समय पहले के पैर को आगे करे फिर दूसरे को इस तरह जैसे कैंची चलती है। इससे आपकी अलग अलग तरह की एक्सरसाइज रस्सा कूदते समय हो जाएगी।

वन फूट होप
ये पैरो के लिए बेहद फायदेमंद रोप एक्सरसाइज हैं क्योंकि इसमें आपको एक पैर से कूदना है जिससे आपके षरीर का पूरा भार एक पैर पर आ जाता है जिससे आपके पैर मजबूत होते है। इसमें आपको एक पैर को उपर की ओर करके दूसरे पैर से रस्सी कूदनी है। दूसरी बार में आप पैर चेंज भी कर सकते है।

टोटल बाॅडी फिटनेस के इंस्टक्टर राजेष से बातचीत पर आधारित

No comments:

Post a Comment

बच्चों में इन 10 तरीकों से डालें काम की आदतें: Good Habits

  POST पेरेंटिंग लाइफस्टाइल good habbits by   Nidhi Goel April 1 Click to share on Twitter (Opens in new window) Click to share on Facebook ...

popular post