जैसे जैसे हमारी उम्र बढ़ती है वैसे वैसे हमे अपने खान पान पर पूरा ध्यान देना पड़ता है। खुराक भी हमारी एक सी नहीं रहती। हमारे पोषण की आावश्यकता हर स्तर और उम्र पर बदलती रहती है। उम्र के हर पायदान पर खुद को स्वस्थ रखने के लिए हमें प्रोटीन,विटमिन, और मिनरल के अलग अलग मात्रा की आवश्यकता पड़ती है। यदि हम अपनी उम्र को ध्यान में रखकर भोजन करेंगे तभी स्वस्थ रह पाएंगे।
किशोरवस्था में
इस उम्र मे शरीर का मेटाबाॅलिक रेट काफी अधिक रहता है। हम जो भी खाते है वो उर्जा मे तब्दील हो जाता है। शरीर के विकास के लिए प्रोटीन की जरूरत होती है। इसके लिए दुग्ध उत्पाद और मांसाहारी भेाजन का सेवन जरूरी है। जो शाकाहारी भोजन करते है उन्हे पनीर या सोया अधिक मात्रा मे खाना चाहिए। कैफीन हडिडयों से कैल्शियम को निथार लेता है।विटामिन बी और डी की आवश्यकता विकास के लिए जरूरी है। विटामिन ए के लिए नारंगी और पीले फल के साथ सब्जियां,विटामिन सी के लिए खटटे फल और विटामिन ई के लिए बादाम,पिस्ता जरूरी है। अनीमिया और आयरन की कमी से बचने के लिए सूखी खुबानी,मनक्का,सलाद के अलावा दाल मे पालक डालकर खाना चाहिए।
बीसवे के बाद
टिश्यू के विकास के लिए प्रोटीन और
कार्बोहाइड्रेट आवश्यक है। इस दौर मे प्राकृतिक रेशे वाले स्टार्च युक्त भोजन का सेवन करना चाहिए। इनसे मस्तिष्क और मांसपेशियों को उर्जा भी मिलती है। पोटेशियम युक्त केला,आलू,मशरूम खाएं। इस उम्र मे विटामिन सी बेहद जरूरी है। क्योंकि यह तनाव को दूर भगाता है। दिल के रोग से बचाव और बच्चे का जन्म ठीक से हो जाए,इसके लिए पालक और हरी सब्जियां खूब खानी चाहिए। मजबूत हडिडयों के लिए रेाजाना दो गिलास दूध जरूर पीएं। कैल्शियम के लिए ब्रोकली खा सकती है,जो मैग्नीशियम,विटामिन के और फास्फोरस का भी अच्छा स्त्रोत है। जब आप बीसवें पायदान से तीसवें में पहुच जाएं तो ध्यान रखें कि शरीर की जरूरत भी बदल जाती है। इस उम्र मे चयापचय स्तर कम हो जाता है,वनज बढ़ने लगता है और टाइप दो डायबीटीज क ेखतरे बढ़ जाते है। वसा और शक्कर की मात्रा कम कर दें। नमक वाले स्नैक्स की जगह सेब,गाजर जैसे रंगीन फल सब्जियां खाएं। हरी पतेदार सब्जियां जैसे पालक लें ।सलाद ड्ेसिंग के लिए आॅलिव आॅयल ले,ताकि काॅलेस्ट्ाल का सही स्तर बना रहें। हडिडयों की मजबूती के लिए कैल्शियम,विटामिन वाले भोजन करने चाहिए।
चालीस के बाद
इस उम्र में गिरी का सेवन अति आवश्यक है। खासकर बादाम का
क्योंकि ये कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करते है दिल की बीमारी के खतरे को कम करते है। दरअसल इस उम्र मे हमारा प्रतिरक्षा प्रणाली धीमी होने लगती है। इस उम्र मे अधिकतर महिलाएं कार्बोहाइड्रेट कम लेना शुरू कर देती है जो ठीक नहीं है। अपनी डाइट से स्टार्च फूड बिल्कुल न कम करें। ये भेाजन रेशेदार भी होते है और पेट को भरे होने का अहसास भी देते है। मौसमी फल लेना भी फायदेमंद है। खूब सारे बीन्स खाएं।